इस सावन इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर जीवन को बनाएं सुखमय

पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ है गुजरात में स्थित है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव ने संसार के सभी दुखों का नाश किया।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग—आंध्र प्रदेश

यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के रूप मल्लिकार्जुन का प्रतीक है। मल्लिकार्जुन की पूजा से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग—उज्जैन, मध्य प्रदेश

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को काल का स्वामी कहा जाता है। यहां के दर्शन से मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है और जीवन में स्थिरता आती है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग—मध्य प्रदेश

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के किनारे स्थित है और शिवजी के 'ओंकार' स्वरूप का प्रतीक है। यहां की पूजा से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग—उत्तराखंड

यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के नेत्र के रूप में विख्यात है। केदारनाथ के दर्शन से कष्टों का अंत होता है और शांति मिलती है।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग—महाराष्ट्र

भीमाशंकर प्रकृति के बीच स्थित है और रोग-व्याधियों से मुक्ति दिलाता है। इसके दर्शन से स्वास्थ्य लाभ होता है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग—गुजरात

नागों के स्वामी शिव का यह रूप समस्त नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है और मन को शांति प्रदान करता है।

विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग—वाराणसी, उत्तर प्रदेश

वाराणसी का विश्वनाथ मंदिर शिव की महाशक्ति का केंद्र माना जाता है। यहां पूजा से जीवन में मोक्ष और शांति मिलती है।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग-महाराष्ट्र

यह ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के उद्गम स्थल पर स्थित है। यह स्थान मोक्ष प्राप्ति और पितृ दोष निवारण के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग- महाराष्ट्र

यह ज्योतिर्लिंग एलोरा की गुफाओं के पास स्थित है। "घृष्ण" का अर्थ होता है भक्तिपूर्ण, यानी यह शिव के भक्तों के प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग- देवघर, झारखंड

इसे "बैजनाथ" या "बैद्यनाथ" भी कहा जाता है। मान्यता है कि रावण ने शिव को खुश करने के लिए घोर तप किया था और यही पर शिव ने उन्हें ज्योतिर्लिंग रूप में दर्शन दिए।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग—तमिलनाडु

भगवान राम ने शिवजी की पूजा के लिए यहां ज्योतिर्लिंग की स्‍थापना की थी। यहां के दर्शन से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।