द्वारका के पास विराजते हैं नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, नाग दोष मुक्ति का पावन धाम

चार धाम में से एक द्वारका के निकट स्थित है नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, जहाँ महादेव स्वयं विराजमान हैं।

नाग दोष और काल सर्प दोष से मुक्ति

यह मंदिर विशेष रूप से नाग दोष से पीड़ित लोगों के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का पौराणिक महत्व

यह ज्योतिर्लिंग स्वयंभू है और राक्षस दरुक के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए शिव यहां प्रकट हुए थे।

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक

इन 12 ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए माने जाते हैं और उनकी पूजा का विशेष फल बताया गया है।

द्वारका से मात्र 17 किमी दूर

गुजरात के द्वारका से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर समुद्र के किनारे एक शांत और पवित्र वातावरण में स्थित है।

विशाल शिव प्रतिमा

यह भव्य प्रतिमा आस्था और भव्यता का अद्वितीय संगम है, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है।

पूजा विधि और अनुष्ठान

श्रद्धालु विशेष रूप से सोमवार और महाशिवरात्रि के अवसर पर पूजा-अर्चना कर नाग दोष से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।

शिव से मिलती है शांति और समाधान

द्वारका यात्रा के दौरान नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन अवश्य करें। यहां आकर मन को शांति, आत्मा को सुकून और जीवन को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।