"बेबी फीट" से दिक्कतें, गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव
अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण में रहने के कारण, अंतरिक्ष यात्रियों के पैरों के तलवों की त्वचा पतली और नरम हो जाती है, जिसे "बेबी फीट" कहा जाता है।
अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण में रहने के कारण, अंतरिक्ष यात्रियों के पैरों के तलवों की त्वचा पतली और नरम हो जाती है, जिसे "बेबी फीट" कहा जाता है।
अंतरिक्ष में रहने से मांसपेशियों की कमजोरी हो जाती है, खासकर पैरों की मांसपेशियां। इससे चलने में कठिनाई होती है।
अंतरिक्ष में रहने से संतुलन की समस्या भी हो सकती है, क्योंकि आंतरिक कान का संतुलन प्रणाली प्रभावित होता है।
सुनीता विलियम्स को पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरना होगा ताकि उनके शरीर को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने में मदद मिल सके।
"बेबी फीट" के प्रभाव से ठीक होने में कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक का समय लग सकता है, जो सुनीता विलियम्स के शरीर की स्थिति पर निर्भर करता है।
सुनीता विलियम्स को चिकित्सा टीम द्वारा बारीकी से देखा जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सुरक्षित रूप से चल सकती हैं।
सुनीता विलियम्स को धीरे-धीरे चलने की सलाह दी जाएगी ताकि उनके पैरों की मांसपेशियां धीरे-धीरे मजबूत हो सकें।
सुनीता विलियम्स को गिरने से बचाने के लिए सुरक्षा उपाय किए जाएंगे, जैसे कि बैसाखी या वॉकर का उपयोग करना।