जब रिक्शेवाले का बेटा बना IAS, रुला देगी यह कहानी

रिक्शा चालक के बेटे गोविंद जायसवाल की यह कहानी गरीबी, तानों और संघर्षों को पीछे छोड़कर UPSC टॉप करने की है। बिना सुविधाओं और समर्थन के भी उन्होंने अपने हौसलों से IAS बनकर इतिहास रचा और लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बने।

Photo Credit : Google

रिक्शेवाले का बेटा- गोविंद

बनारस के गोविंद जायसवाल की मां का देहांत बचपन में हो गया और उनके पिता रिक्शा चलाते थे।

Photo Credit : Google

बचपन में अपमान और ताने

गरीबी के कारण गोविंद का बचपन कठिन था। स्कूल में बच्चे उन्हें "रिक्शेवाले का बेटा" कहकर चिढ़ाते थे जिससे उन्हें समाज में अपमान सहना पड़ा।

Photo Credit : Google

'अपमान' बना 'लक्ष्य' की नींव

एक दोस्त के पिता द्वारा घर से भगाए जाने का अपमान गोविंद के दिल में बैठ गया, जिसने उन्हें कुछ बड़ा करने की ठानी।

Photo Credit : Google

IAS बनने का संकल्प

अध्यापक से पूछने पर कि समाज में इज्जत कैसे मिलेगी, जब जवाब मिला 'IAS बनो', तभी गोविंद ने ठान लिया कि उन्हें IAS ही बनना है।

Photo Credit : Google

पिता का अतुलनीय त्याग

गोविंद की पढ़ाई के लिए पिता ने अपनी ज़मीन बेची। उन्होंने दिल्ली में रहकर तैयारी की, पिता रिक्शा चलाकर पैसे भेजते थे।

Photo Credit : Google

पिता का दर्द, बेटे से छुपाया

एक बार गोविंद के पिता को पैर में गंभीर संक्रमण हो गया, लेकिन बेटे को इस बारे में नहीं बताया, ताकि उसकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए।

Photo Credit : Google

संघर्षों की जीत, UPSC Topper

दृढ़ संकल्प के बल पर गोविंद जायसवाल ने वर्ष 2007 में UPSC में 48वीं रैंक हासिल कर IAS बनकर का दिखाया और युवाओं के लिए मिसाल बने।

Photo Credit : Google