शिव जी के आंसू से उत्पन्न हुए हैं रुद्राक्ष, जानें सच

वैज्ञानिक रूप से, रुद्राक्ष में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक गुण पाए जाते हैं। यह तनाव कम करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने और मानसिक शांति प्रदान करने में सहायक हो सकता है। आइए, जानते हैं रुद्राक्ष के महत्व के बारे में।

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रुद्राक्ष का अर्थ

'रुद्राक्ष' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है: 'रुद्र' जिसका अर्थ है भगवान शिव, और 'अक्ष' जिसका अर्थ है आंसू। इस तरह, रुद्राक्ष का शाब्दिक अर्थ है 'भगवान शिव के आंसू'।

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कैसे हुई उत्पत्ति?

एक बार भगवान शिव ने वर्षों तक गहन तपस्या की। जब उन्होंने अपनी आंखें खोलीं, तो उनकी आंखों से कुछ आंसू धरती पर गिरे। उन्हीं आंसुओं के स्थानों पर रुद्राक्ष के वृक्ष उत्पन्न हुए।

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रुद्राक्ष और मोक्ष

माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है। यह जीवन और मृत्यु के चक्र से बाहर निकलने में सहायता करता है।

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रुद्राक्ष के प्रकार

रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें उनके मुख के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। ये एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक होते हैं। हर मुखी रुद्राक्ष का अपना अलग महत्व और लाभ होता है।

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एक मुखी रुद्राक्ष का महत्व

इसे साक्षात भगवान शिव का रूप माना जाता है। यह धारण करने वाले को शक्ति और ज्ञान प्रदान करता है।

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पंच मुखी रुद्राक्ष

यह सबसे आम और आसानी से मिलने वाला रुद्राक्ष है। यह स्वास्थ्य और शांति के लिए लाभदायक माना जाता है।

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चौदह मुखी रुद्राक्ष

इसे भगवान हनुमान का रूप माना जाता है। यह व्यक्ति को साहस और निडरता प्रदान करता है।

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