वक्फ संशोधन बिल पर सरकार vs विपक्ष के बयान

अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री, BJP) : "वक्फ संशोधन बिल पारदर्शिता लाएगा और वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोकेगा। यह किसी समुदाय के नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है।" 🔴 विपक्ष: यह बिल सरकार को वक्फ संपत्तियों पर अधिक नियंत्रण देगा, जो अनुच्छेद 26 का उल्लंघन है।

असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM प्रमुख)

"यह बिल मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है। केंद्र वक्फ बोर्ड्स को कमजोर करके मुस्लिम संपत्तियों पर कब्जा चाहती है।" 🟢 सरकार: केंद्र सरकार का दावा है कि बिल से वक्फ प्रॉपर्टी का बेहतर प्रबंधन होगा और गरीब मुसलमानों को फायदा होगा।

राजनाथ सिंह (रक्षा मंत्री, BJP)

"वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग हो रहा था, इसलिए इस बिल की जरूरत थी। यह कानून सभी नागरिकों के हित में है।" 🔴 विपक्ष: कांग्रेस ने कहा कि यह बिल मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखल है।

शशि थरूर (कांग्रेस नेता)

"वक्फ बोर्ड्स का मुद्दा राज्यों का विषय है, केंद्र को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। यह बिल संघीय ढांचे के खिलाफ है।" 🟢 सरकार: सरकार का कहना है कि वक्फ संपत्तियों का राष्ट्रीय स्तर पर डेटाबेस बनाना जरूरी है।

गिरिराज सिंह (BJP नेता)

"वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे हटाने के लिए यह बिल जरूरी था। क्या मुस्लिम नेताओं को भ्रष्टाचार पसंद है?" 🔴 आलोचना: विपक्ष ने इसे सांप्रदायिक बयान बताया।

ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल CM, TMC)

"केंद्र सरकार मुसलमानों को टारगेट कर रही है। हम बंगाल में इस बिल को लागू नहीं होने देंगे।" 🟢 सरकार: केंद्र ने कहा कि राज्यों को इस बिल का पालन करना होगा।

योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश CM, BJP)

"वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल हो, इसके लिए यह बिल जरूरी है।" 🔴 विपक्ष: समाजवादी पार्टी ने कहा कि यह बिल मुस्लिम विरोधी है।

सैयद बुखारी (जमीयत उलेमा-ए-हिन्द)

"यह बिल इस्लामिक कानूनों के खिलाफ है और मुस्लिम संस्थाओं को कमजोर करेगा।" 🟢 सरकार: केंद्र का कहना है कि बिल से वक्फ प्रॉपर्टी का सही इस्तेमाल सुनिश्चित होगा।