मनरेगा मजदूर ने बेटे को कैसे बनाया IAS?

यूपी के बुलंदशहर स्थित गांव रघुनाथपुर के पवन कुमार गरीबी को मात देकर IAS में सफलता हासिल की। मनरेगा मजदूर पिता और गहने बेचने वाली मां के त्याग से प्रेरित होकर, पवन ने मिट्टी के कच्चे घर में सेल्फ-स्टडी कर कैसे UPSC 2023 में AIR 239 रैंक हासिल की।

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गरीबी में जन्म और संघर्ष की शुरुआत

यूपी के बुलंदशहर स्थित गांव रघुनाथपुर निवासी पवन कुमार कच्चे मकान और छप्पर के घर में रहकर पढ़ाई की। पिता मनरेगा मजदूर थे।

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बरसात का संघर्ष और अंधेरे में पढ़ाई

पवन का घर बरसात में छप्पर से पानी टपकता था और घर का सामान बचाना पड़ता था। घर में बिजली नहीं था। दीये की रोशनी में घंटों पढ़ाई करते थे।

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परिवार का असाधारण त्याग

पवन की पढ़ाई में बाधा न आए, इसके लिए पिता और तीनों बहनों ने मजदूरी की। मां ने बेटे को दिल्ली में तैयारी के लिए अपने गहने बेच दिए।

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सेकंड-हैंड मोबाइल बना सबसे बड़ा हथियार

दिल्ली में UPSC की तैयारी के लिए मोबाइल की जरूरत थी। पिता ने एक पुराना फोन दिया जो पवन का 'सबसे बड़ा हथियार' बना और सेल्फ-स्टडी की।

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नवोदय से जेएनयू तक का शैक्षणिक सफर

पवन कुमार की पढ़ाई नवोदय से पूरी की। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। JNU से एमए छोड़कर UPSC की तैयारी में लगे।

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महंगी कोचिंग को दी चुनौती

दिल्ली में 2 साल की कोचिंग लेने के बाद उन्होंने अपनी तैयारी सेल्फ-स्टडी और इंटरनेट पर शिफ्ट कर दिया।

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UPSC 2023 में बने IAS

पवन की मेहनत और परिवार के त्याग परिणाम UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023 में मिला। पवन AIR 239 रैंक हासिल कर IAS अफसर बनने में सफल रहे।

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