पापा... मैं IAS बन गई : बोली, दूधिए की बेटी
हरिद्वार की रहने वाली अनुराधा पाल के पिता दूध बेचते थे। गरीबी के बीच अनुराधा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई व आईटी की नौकरी छोड़ी। ट्यूशन पढ़ाकर UPSC की तैयारी की। जानें कैसे IAS बनीं।
हरिद्वार की रहने वाली अनुराधा पाल के पिता दूध बेचते थे। गरीबी के बीच अनुराधा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई व आईटी की नौकरी छोड़ी। ट्यूशन पढ़ाकर UPSC की तैयारी की। जानें कैसे IAS बनीं।
वनमती : भैंस चराने से...
हरिद्वार निवासी अनुराधा पाल का बचपन अभावों में बीता। पिता दूध बेचकर परिवार चलाते थे, ताकि बेटी को पढ़ा सकें।
वनमती : भैंस चराने से...
गरीबी के बाद, अनुराधा पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहीं। स्कूली शिक्षा हरिद्वार से पूरी की, जो उनकी नींव मजबूत करने में सहायक रहा।
वनमती : भैंस चराने से...
स्कूलिंग के बाद, बी.टेक की डिग्री हासिल की। ग्रेजुएशन के बाद, परिवार को सहारा देने के लिए टेक महिंद्रा में इंजीनियर से नौकरी शुरू की।
वनमती : भैंस चराने से...
काम करने के बीच अनुराधा ने सोचा कि लक्ष्य IAS है। उसने अच्छी सैलरी वाली नौकरी को छोड़ने का बड़ा फैसला लिया।
वनमती : भैंस चराने से...
दिल्ली आकर UPSC की तैयारी शुरू करने के दौरान, कोचिंग फीस व खर्च उठाना था। अनुराधा ने ट्यूशन पढ़ाकर खर्च उठाया।
वनमती : भैंस चराने से...
अनुराधा ने 2012 में अपने पहले प्रयास में ही UPSC पास कर ली, लेकिन उनकी रैंक अच्छी नहीं थी। उन्होंने तैयारी को और मजबूत करने का निर्णय लिया।
वनमती : भैंस चराने से...
दूसरे प्रयास में, अनुराधा की सही रणनीति ने 2015 में AIR 62 रैंक मिली और IAS बनने का सपना पूरा किया। और बेटी बोली – पापा, मैं IAS बन गई
वनमती : भैंस चराने से...