बरेली, वाईबीएन संवाददाता
जनपद बरेली में कृषि विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक किसान फार्मर आईडी बनवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। हालत यह है कि अभी तक महज 47 फीसदी किसानों ने ही आईडी बनवाई है, जबकि फार्मर रजिस्ट्री के लिए शासन ने अंतिम तारीख 30 अप्रैल तय की है।
फार्मर रजिस्ट्री के बाद किसानों को नहीं कराना पड़ेगी केवाईसी
किसानों को अपनी उपज बेचने, किसान सम्मान निधि पाने, किसान क्रेडिट कार्ड लेने या फिर अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए हर बार ई-केवाईसी करानी पड़ती है। इस समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने फार्मर आईडी बनाने का काम शुरू किया हे। फार्मर आईडी बनने के बाद सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचने से पहले सत्यापन की जरूरत खत्म हो जाएगी।
बरेली में 5.45 लाख किसान, अब तक 2.52 लाख ने बनवाई फार्मर आईडी
बरेली जिले 5.45 लाख किसान में पंजीकृत हैं। इनमें अभी तक के 2.52 लाख किसानों ने ही फार्मर आईडी बनवाई है। 2.93 लाख किसान अब भी बाकी हैं। उप निदेशक (कृषि) अभिनंदन सिंह ने बताया कि फार्मर आईडी बनवाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। फार्मर आईडी बनवाना सभी किसानों के लिए जरूरी है। इसलिए 30 अप्रैल तक अवश्य बनवा लें।
यह है फार्मर आईडी, कृषि क्षेत्र को सुव्यवस्थित करना उद्देश्य
शासन ने एग्रीस्टैक योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य तकनीक का उपयोग कर कृषि क्षेत्र को सुव्यवस्थित करना है। इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों को 11 नंबर की यूनिक आईडी दी जाएगी। यह आईडी आधार कार्ड से लिंक की जाएगी। इसी को फार्मर आईडी कहा जाता है। इसके बाद किसानों को किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए केवाईसी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
फार्मर आईडी के बगैर नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ
उप निदेशक कृषि अभिनंदन सिंह ने बताया कि किसानों को फार्मर आईडी बनवाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। अब तक 47 फीसदी किसानों ने फार्मर आईडी बनवाई है। जिन किसानों ने अपनी आईडी नहीं बनवाई है। उनको कई योजनाओं का लाभ मिलने में दिक्कत हो सकती है। क्योंकि फार्मर आईडी सभी किसानों को बनवाना जरूरी है।