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10 व्यापारी नेताओं को तीन माह की कैद, एक-एक लाख रुपये जुर्माना

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पीलीभीत अमित यादव ने पीलीभीत के 10 व्यापारी नेताओं को दोषी पाते हुए तीन-तीन माह की कैद और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

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Sanjay Shrivastav
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पीलीभीत अमित यादव ने एफएसडीए टीम से अभद्रता करने, सैंपल छीनकर नष्ट करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद बुधवार दो मार्च को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने पीलीभीत के 10 व्यापारी नेताओं को दोषी पाते हुए तीन-तीन माह की कैद और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

पीलीभीत में 01 जुलाई 2023 को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मारा था छापा

अभियोजन कथानक के अनुसार 01 जुलाई 2023 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुभाष बाबू यादव ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार यादव की अदालत में परिवाद दायर कराया था। इसमें उन्होंने बताया था कि 18 जनवरी 2023 को दिन में करीब 12.30 बजे वह टीम के साथ पीलीभीत की पुरानी गल्ला मंडी स्थित केजीएन इंटरप्राइजेज पर नमूने संग्रह करने पहुंचे थे। प्रतिष्ठान के मालिक ने अपना नाम अयाजुद्दीन बताया था। उसकी दुकान पर खाद्य लाइसेंस प्रदर्शित नहीं था।

व्यापारियों ने एफएसडीए टीम से सैंपल छीनकर नष्ट कर दिए थे

मांगने पर भी व्यापारी खाद्य लाइसेंस नहीं दिखा सका। टीम ने दुकान से गगन पान मसाला के दो नमूने लिए थे। इसकी कीमत भी व्यापारी को टीम द्वारा अदा कर दी गई। इसके बाद टीम निरीक्षण के दौरान सैंपल के अभिलेख तैयार करने लगी। इसी बीच व्यापारी ने भीड़ इकट्ठा कर ली। व्यापार मंडल की भीड़ ने डरा धमकाकर बल पूर्वक टीम से खरीदे गए नमूने के पैकेट छीन लिए। व्यापारियों द्वारा सरकारी कार्य में व्यवधान डालकर खाद्य टीम को नमूना लेने की कार्यवाही से वंचित किया गया। यह भी आरोप है कि डरा धमकाकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी के बैग में रखे अन्य सील बंद नमूने छीनकर क्षतिग्रस्त कर दिए। 

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अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सुनाया फैसला

न्यायालय ने अपराध का संज्ञान लेते हुए समस्त 10 आरोपियों को तलब किया। दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली का परिशीलन करने के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार यादव ने सभी 10 आरोपियों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 26/62 में दोषी पाते हुए सजा सुनाई। 

 न्यायालय ने अपने फैसले में कहा-

न्यायालय ने पारित निर्णय में लिखा कि दोषसिद्धगणों के द्वारा दो निहत्थे सरकारी कर्मचारियों को घेरकर बलपूर्वक नमूना छीनकर नष्ट कर दिया गया। यह दोषसिद्धगण के दुस्साहस को दर्शाता है। इसलिए दोषसिद्धगण को परिवीक्षा का लाभ न देकर तत्काल दंड से दंडित किए जाने से ही न्याय की मंशा पूर्ण होगी और समाज में विधि का शासन सुस्थापित होगा।

इन व्यापारियों को हुई सजा

पीलीभीत के मोहल्ला मलिक अहमद निवासी शैलेंद्र अग्रवाल उर्फ शैली पुत्र हरनारायन अग्रवाल, मोहल्ला पंजाबियान निवासी अयाजुद्दीन पुत्र फैय्याजुद्दीन, शाहिद पुत्र इसरार अहमद, ताबिश अयाज पुत्र अयाजुद्दीन, मोईन उल हक शम्सी पुत्र फरीद उल हक शम्सी, मोहल्ला साहूकारा निकट शनिदेव मंदिर के निवासी संजय गुप्ता पुत्र बुद्धसेन गुप्ता, मोहल्ला पकड़िया निवासी अलाउद्दीन अंसारी पुत्र निजामुद्दीन अंसारी, मोहल्ला साहूकारा निवासी अंशुल अग्रवाल पुत्र शिव कुमार, मोहल्ला देशनगर निवासी जगदीश पुत्र भगवानदास, मोहल्ला शेखचांद निवासी निमित अग्रवाल पुत्र नरेंद्र अग्रवाल को सजा सुनाई गई है। बताते हैं कि शैलेंद्र उर्फ शैली अग्रवाल उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के महामंत्री हैं।

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आयुक्त की संस्तुति के बाद दायर किया था परिवाद 

इस घटना से संबंधित वीडियो की सीडी आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ (उत्तर प्रदेश) को भी भेजा गया था। इसके उपरांत शासन द्वारा संस्तुति पत्र परिवाद के संबंध में भेजा गया था। तब परिवादी खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुभाष बाबू यादव ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित यादव की अदालत में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 26/62 के तहत परिवाद न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

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