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Bareilly News: अवैध कब्जा कर बनाई गईं 10 दुकानें सील, नगर निगम ने की कार्रवाई, दुकानदारों में आक्रोश

बरेली शहर के सिविल लाइंस में जंक्शन रोड स्थित नगर निगम की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गईं 10 दुकानों को कोर्ट के आदेश पर निगम प्रशासन ने शनिवार को सील कर दिया। क्षतिपूर्ति के 36 लाख रुपये वसूली के लिए आरसी जारी की जाएगी।

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Sanjay Shrivastav
nagar nigam
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली शहर के सिविल लाइंस में रेलवे जंक्शन रोड स्थित नगर निगम की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गईं 10 दुकानों को कोर्ट के आदेश पर निगम प्रशासन ने शनिवार को सील कर दिया। पुलिस बल के साथ पहुंचे नगर निगम के अधिकारियों ने सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के साथ ही क्षतिपूर्ति के 36 लाख रुपये वसूली के लिए दुकानदारों के खिलाफ आरसी जारी की है।

नगर निगम ने दो बार जारी किया गया था नोटिस

नगर निगम के संपत्ति अधिकारी राजीव कुमार राठी ने बताया कि दुकानों को सील करने की कार्रवाई नगर मजिस्ट्रेट के आदेश पर की गई है। सिविल लाइन क्षेत्र की खसरा संख्या 194 में स्थित भूमि नगर निगम की संपत्ति है, जिस पर अवैध रूप से दुकानों का निर्माण करा लिया गया था। इस मामले में दुकानदारों को पहले 13 दिसंबर 2024 और फिर 20 जनवरी 2025 को नोटिस जारी किया गया था। बावजूद इसके सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त नहीं किया गया।

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दुकानदारों ने जिला न्यायालय में दायर की थी अपील 

सात जनवरी 2025 को दुकानदारों ने जिला न्यायालय में अपील दायर की थी, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। फिर भी दुकानें खाली नहीं की गईं। शनिवार को नगर निगम के अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ जाकर सभी 10 दुकानों को सील करके सरकारी जमीन को दोबारा अपने कब्जे में ले लिया। नगर निगम की टीम पहुंचने पर कुछ दुकानदारों ने स्वयं कब्जा हटा लिया था, बाकी दुकानदारों को निगम ने हटाया।

अदालत ने दुकानदारों पर लगाया 36 लाख का जुर्माना

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राजस्व अधिकारी राजीव राठी ने बताया कि अदालत ने दुकानदारों पर 36 लाख का जुर्माना लगाया है, जिसे नगर निगम के कोष में जमा किया जाना है। जिन दुकानदारों ने रकम जमा नहीं की उनके खिलाफ आरसी जारी कर राजस्व टीम से वसूली कराई जाएगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। नगर निगम की इस कार्रवाई से दुकानदारों में जबरदस्त आक्रोश है।

दुकानदार बोले- पिछले 50 सालों से चला रहे दुकानें 

नगर निगम प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई से दुकानदारों में जबरदस्त आक्रोश है। उनका कहना है कि वे पिछले 50 वर्षों से दुकानें चला रहे हैं। नगर निगम की ओर से पूर्व में उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई, और न ही उन्हें कोई नोटिस मिला। दुकानदारों ने नगर निगम के खिलाफ उच्च न्यायालय में जाने का ऐलान किया है। नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य का कहना है कि यह भूमि नगर निगम की है, और कोर्ट के निर्देशानुसार कार्रवाई की गई है।

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