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शिकायतकर्ता मीना रानी और साथ में उनकी बहू। Photograph: (यंग भारत)
बरेली की सदर तहसील के एक अमीन और उसके गुर्गों ने आरसी वसूली के नाम पर बकाएदारों से रकम लेकर हड़प कर ली। बकाएदार के रसीद मांगने पर अमीन के गुर्गे धमका देते थे। ऐसा ही एक मामला बरेली के थाना बारादरी क्षेत्र के पुराना शहर नवादा शेखान का सामने आया है। यहां निवासी एक विधवा से आरसी वसूली के नाम पर अमीन और उसके गुर्गों ने 35.5 हजार रुपये हड़प लिए। रसीद मांगने पर अमीन का एक गुर्गा विधवा को धमकाने के लिए उनके घर जा पहुंचा। पीड़ित महिला की शिकायत डीएम ने जांच बैठा दी है। इससे आरोपी अमीन और उसके गुर्गों पर कारवाई की तलवार लटक रही है।
बारादरी इलाके के नवादा शेखान मोहल्ले का मामला
बारादरी थाना क्षेत्र के पुराना शहर नवादा शेखान मोहल्ला निवासी विधवा मीना रानी के दूसरे के घरों में काम करके गुजारा करती हैं। उनका बेटा सूरज फलों का ठेला लगाता है। मीना के मुताबिक होली के पांच-छह दिन बाद मोहल्ला कटरा चांद खां निकट मौर्य मंदिर का रहने वाला रवि मौर्य पुत्र छोटेलाल उनके घर पहुंचा, जो उनका रिश्तेदार लगता है। उनसे रवि ने कहा कि मैं तहसील में कर्मचारी हूं। तुम्हारे लड़के के नाम बिजली चोरी की 27500 रुपये की आरसी कटी है, जिसे जमा कर दो। वरना तुम्हारे लड़के को जेल हो जाएगी। रिश्तेदारी के नाते उसकी बात पर मीना ने यकीन कर लिया और आरसी जमा करने के लिए एक माह की मोहलत मांग ली।
04 अप्रैल को गुर्गों के साथ पीड़ित के घर पहुंचा था अमीन
मीना का आरोप है कि 4 अप्रैल 2025 को रवि मौर्य 7-8 लोगों के साथ दोबारा मीना के घर पहुंचा। उनमें एक व्यक्ति ने अपना नाम मनोज यादव बताया। कहा कि मैं सदर तहसील का अमीन हूं, आरसी के रुपये कब जमा करोगी। मीना ने रुपयों का इंतजाम करने के लिए समय देने की गुजारिश की। उस वक्त अमीन और उसके गुर्गे आरसी जल्द जमा कर देने की बात की बात कहकर चले गए। मगर इसके बाद मीना और उनके बेटे सूरज को आरोपी धमकाते रहते थे।
9 मई को आरोपी दोबारा बकाएदार के घर पहुंचे
मीना का आरोप है कि 9 मई 2025 को रवि मौर्य के साथ 7-8 लोगों को लेकर दोबारा उनके घर पहुंचा। उसके मांगने पर मीना ने मोहल्ले वालों के सामने आरसी के 27500 रुपये रवि मौर्य को दिए थे। मीना ने रसीद मांगी तो रवि ने कहा कि तुम्हें तहसील का खर्चा आठ हजार रुपये और देने पड़ेंगे। इस पर मीना ने अपने जेठ के बेटे से रुपये लेकर देने की बात कहकर दो-चार दिनों की मोहलत मांगी। उस वक्त सभी वहां से चले गए, लेकिन बाद में रवि मौर्य आठ हजार रुपये के लिए दबाव बनाने लगा।
20 मई को पीड़िता के जेठ के बेटे ने दिए था रुपये
मीना के मुताबिक 20 मई को उनके जेठ के बेटे ओमप्रकाश मौर्य के घर रवि मौर्य और उसके साथी पहुंचे और आठ हजार रुपये लेकर चले गए। तभी से मीना लगातार आरसी के रुपये जमा होने की रसीद मांग रही हैं, और रवि मौर्य टालमटोल कर रहा है। कभी कहता साहब छुट्टी हैं, कभी खुद को छुट्टी पर बता देता। परेशान होकर 18 जून को मीना रसीद मांगने के लिए रवि के घर पहुंच गईं। उस वक्त रवि घर पर नहीं था। मगर बाद में मीना को धमकाने के लिए उनके घर जा पहुंचा। बोला-जब रसीद मिलेगी तो तुम्हे दे दूंगा। आइंदा मेरे घर मत आना।
19 जून को पीड़ित ने डीएम से की शिकायत
मीना के अनुसार उन्हें यकीन हो गया कि आरसी के नाम पर आरोपियों ने उनसे रुपये ठग लिए। इस पर 19 जून को मीना ने अमीन मनोज यादव, रवि मौर्य और उनके साथियों के खिलाफ डीएम से शिकायत की। डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम सदर को जांच कराने के निर्देश दिए, जिस पर एसडीएम ने तुरंत जांच कमेटी गठित कर दी। जांच टीम उसी दिन मीना के घर पहुंची और पूरे मामले की जानकारी ली। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी।
आरसी वसूली के नाम पर गैंग चलाता था आरोपी अमीन
आरोपी अमीन कई मामले में चर्चित रहा है। सूत्रों के अनुसार वह वसूली के लिए अपने 6-7 गुर्गों के साथ निकलता था। उसके गुर्गे बकाएदारों को जमकर हड़काते और जेल भेजने की धमकी देते थे। उनके डर की वजह से लोग रकम थमा देते, और रसीद मांगने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। नवादा शेखान में रहने वाले अन्य कई लोग हैं, जिनसे अमीन और उसके गुर्गों ने आरसी के नाम पर अवैध वसूली की है। सूत्रों की माने तो अमीन ने अवैध धंधे करके अकूत संपत्ति इकट्ठी कर ली है। ठीक से जांच होने पर असलियत सामने आ जाएगी।
सेक्स रैकिट चलाने के आरोप में जेल जाने पर सस्पेंड हो चुका है अमीन मनोज
घर में सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में पुलिस ने सदर तहसील के अमीन मनोज यादव को गिरफ्तार करके जेल भेज था। जेल जाने के बाद विभाग से मनोज यादव को सस्पेंड कर दिया गया था। उधर, मनोज यादव का कहना है कि वह रवि मौर्य नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानते हैं। न ही उनके साथ वसूली के लिए कोई व्यक्ति जाता था। मनोज बोले-इतना कोई सीधा नहीं है जो रुपये देने के बाद रसीद न ले। मुझ पर लगा आरोप निराधार है। मैं कल ही छूटकर आया हूं।