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बरेली, वाईबीएन नेटवर्क। 4 जुलाई को अपनी स्थापना के 23 वर्ष पूरे करने वाले एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में पहली जुलाई से 5 जुलाई तक दूरबीन विधि से ऑपरेशन के लिए मिनिमल इनवेसिव सर्जरी (दूरबीन विधि) कैंप का आयोजन किया जा रहा है। पांच दिन के इस कैंप के किसी भी दिन दूरबीन विधि से ऑपरेशन कराने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों को लेप्रोस्कोपिक, एंडोस्कोपिक, आर्थोस्कोपिक, रोबोटिक और लेजर सर्जरी पर 50 फीसद की छूट प्रदान की जा रही है। मरीज अपनी सुविधानुसार सर्जरी 5 जुलाई के बाद पूरे माह किसी भी दिन प्लान कर सकता है। यह बात एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन आदित्य मूर्ति ने कही। रजिस्ट्रेशन पर 50 फीसद की छूट गैस्ट्रो सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, कॉस्मेटिक सर्जरी, इंटरवेंशनल सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, कार्डियक सर्जरी, जनरल सर्जरी, गायनी सर्जरी, नेत्र सर्जरी, आर्थोस्कोपी एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी, नाक, कान व गला सर्जरी जैसे विभागों में मान्य है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन कराने वालों को लकी ड्रा भी शामिल होने का अवसर मिलेगा और जीतने वाले की सर्जरी निशुल्क की जाएगी।
आदित्य ने कहा कि साल दर साल एसआरएमएस में बढ़ती मरीजों की संख्या हम पर बढ़ते विश्वास को बयान करने के लिए काफी है। मरीजों का यह विश्वास हमारे लिए उपलब्धि से कम नहीं। इसी विश्वास के सहारे एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज चार जुलाई को स्वास्थ्य सेवा में अपने 23 वर्ष मुकम्मल कर 24वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इन 23 वर्षों में एसआरएमएस ने कई उपलब्धियां भी हासिल की हैं। इनमें 100 बेड का आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट, इनफर्टिलिटी सेंटर, अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ 110 बेड की क्रिटिकल केयर यूनिट का स्थापित होना, तीन दर्जन से ज्यादा सफल किडनी ट्रांसप्लांट, कोक्लियर ट्रांसप्लांट शामिल हैं।
8 वर्ष से लगातार देश के टॉप 40 मेडिकल कॉलेजों में है एसआरएमएस
आदित्य ने कहा कि इंडिया टुडे के पिछले आठ वर्षों के सर्वेक्षण में लगातार एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज देश के टॉप 40 मेडिकल कॉलेजों में स्थान बरकरार रखे हुए है। इसी माह रिलीज संस्करण में इंडिया टुडे ने वर्ष 2025 का सर्वेक्षण जारी किया। इसमें देश के सरकारी और निजी सभी 785 मेडिकल कॉलेजों में एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज को 37वां रैंक मिला है।
देश का प्रमुख कैंसर सेंटर है एसआरएमएस का आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट
आदित्य कहते हैं कि एसआरएमएस का ओंकोलॉजी विभाग आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के रूप में जाना जाता है। 30 सितंबर 2008 को स्थापित इस इंस्टीट्यूट में कैंसर के उपचार के लिए सर्जिकल, रेडिएशन, मेडिकल ओंकोलॉजी जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। कैंसर रोगियों के लिए ट्यूमर बोर्ड भी संचालित है। इसमें विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ मरीजों के ट्रीटमेंट पर नजर रखते हैं। यहां ब्रेकीथेरेपी के लिए दो हाई एनर्जी लीनियर एस्सेलेटर और 30 चैनल की एचडीआर, लीनियर एस्सेलेटर ट्रूबीम जैसे अत्याधुनिक उपकरण के साथ कीमोथेरेपी कराने वाले मरीजों के लिए प्रीमियम लाउंज, अलग ओपीडी के साथ ही डे केयर कीमोथेरेपी सेंटर भी संचालित है।
अत्याधुनिक उपकरणों से होता है एसआरएमएस में इलाज
एसआरएमएस आईएमएस आज लखनऊ और दिल्ली के बीच स्थित पूर्वी उत्तर प्रदेश का अत्याधुनिक संसाधनों से युक्त मल्टी सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल है। प्री क्लीनिकल, पैरा क्लीनिकल और क्लीनिकल डिपार्टमेंट सम्पन्न इस मेडिकल कालेज में रेडियोथेरेपी, कार्डियक साइंसेज, रीनल साइंसेज, न्यूरो साइंसेज और प्लास्टिक सर्जरी विभाग और इनकी ओपीडी भी सफलतापूर्वक संचालित हैं। इन विभागों में सबसे ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। जिनकी संख्या प्रतिदिन 18 सौ से ज्यादा हो जाती है। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में भी इन्हीं विभागों के 85 फीसद मरीज होते हैं। यहां प्रतिमाह 2000 से ज्यादा मरीज दिल संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए पहुंचते हैं। पांच सौ से ज्यादा डायलिसिस भी प्रतिमाह एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में की जा रही हैं। 100 से ज्यादा मरीजों की रेडियोथेरेपी और आठ सौ से ज्यादा मरीजों की मेजर सर्जरी को यहां सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा रहा है। अपने ही संसाधनों से पोषित होने के बाद भी एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में मरीजों के इलाज के लिए श्रेष्ठ टेक्नोलाजी और उपकरण उपलब्ध हैं। यहां पर 3.0 टेस्ला एमआरआई, हाई एनर्जी लीनियर एस्सेलेरेटर- ब्रेकी थेरेपी यूनिट, मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, इंटरवेंशनल एंजियोग्राफी के लिए कैथ लैब, एंजियोप्लास्टी और हार्ट की दूसरी जांचें, वीडियो एंडोस्कोपी एवं ब्रोंकोस्कोपी, 4डी कलर डॉप्लर, ई-बस, इंडोस्कोपिक लैब, लेजर ट्रीटमेंट, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी, अत्याधुनिक 20 मेजर ओटी जैसे तमाम अत्याधुनिक उपकरण और सुविधाएं मौजूद हैं।