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तिकुनिया क्षेत्र में कुछ सिख परिवारों ने धर्मांतरण करते हुए ईसाई धर्म अपना लिया। इस मामले की जानकारी जब सिख संगठनों और गुरुद्वारा कमेटियों को हुई तो वह परिवार तलाशे गए। हालांकि, बाद में ऐसे 13 परिवारों ने घर वापसी करते हुए सिख धर्म अपनाया। रविवार को ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार हरपाल सिंह जग्गी ने कहा कि सिख समुदाय का धर्मांतरण कराकर हिंदुस्तान के खिलाफ एक बड़ी साजिश रची जा रही है।
13 भटके हुए सिक्खों ने सत्यापन पत्र देकर स्वेच्छा से अपने घर में वापसी की
उन्होंने जानकारी दी कि लखीमपुर व पीलीभीत जिलों में पादरियों द्वारा विगत वर्षों में धर्मांतरण का कार्य किया जाता रहा है। 29 जुलाई को ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल ने 13 भटके हुए सिक्खों ने सत्यापन पत्र देकर स्वेच्छा से अपने घर में वापसी की है, जिसमें महत्वपूर्ण भूमिका हरप्रीत सिंह संधू हैप्पी गुरुद्वारा अध्यक्ष परमजीत सिंह, हरविन्दर सिंह बिल्लू व अन्य गुरुद्वारा के सदस्यों ने निभाई है। पूर्व में भी आल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल द्वारा पीलीभीत क्षेत्र में लगभग 1000 व्यक्तियों को सफलता पूर्वक घर वापसी कराई है।
प्रदेश अध्यक्ष हरपाल सिंह राना ने बताया कि 29 जुलाई को ऐतिहासिक गुरुद्वारा कौड़ियाला घाट संत बाबा काला सिंह के सहयोग से पांच प्यारों ने गुरुद्वारा चकरपुर में 67 सिक्खों ने अमृत पान कर अपने को सिक्ख धर्म में सुदृढ़ किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत संचालक सरदार स्वर्ण सिंह ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद व संघ इस कार्य में अपना पूरा सहयोग सिक्ख संगठनों देगा। इस जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे। प्रलोभनों व अंधविश्वास से पोषित जबरन धर्म परिवर्तन को प्रत्येक भारतीय कदापि नहीं सहेगा।
इस मौके पर गुरुद्वारा चकरपुर अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह, हरप्रीत सिंह सन्धू, बाबा बल्देव सिंह, जनरैल सिंह, आरएसएस के विशेष संपर्क प्रमुख प्रशांत भाटिया, संपर्क प्रमुख नीरज सिंह, हरदीप सिंह, विक्रम सिंह, दिलराज सिंह, गुरप्रीत सिंह, इकबाल सिंह, सतनाम सिंह, दिलबाग सिंह आदि मौजूद रहे।