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बरेली के भोजीपुरा थाना क्षेत्र में वर्ष 2009 में डकैती डालने वाले घुमंतू गिरोह के फरार 50 हजार रुपये के इनामी डकैत को एसटीएफ ने हरसौली फाटक खेरथल अलवर, राजस्थान से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान थाना मोहम्मदाबाद, जिला फर्रुखाबाद निवासी सतीश उर्फ मनीष के रूप में हुई है। एसटीएफ ने उसे भोजीपुरा पुलिस के हवाले कर दिया है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2009 में घुमंतू गिरोह बरेली जिले में डेरा डाल कर रह रहा था। गिरोह ने भोजीपुरा क्षेत्र के पॉवर ग्रिड में मिट्टी डालने वाले चार ट्रैक्टर-ट्राली को डकैती डालकर लूट लिया था। इस मामले में पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन सतीश फरार था। उसकी गिरफ्तारी के लिए बरेली पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस और एसटीएफ उसकी तलाश कर रही थी। इस बीच एसटीएफ को जानकारी हुई कि 16 साल से फरार आरोपी सतीश अपना नाम-पता छिपाकर राजस्थान के खेरथल, अलवर में रह रहा है।
एसटीएफ ने सतीश को हरसौली फाटक खेरथल, अलवर से गिरफ्तार कर लिया और उसे भोजीपुरा पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। एसटीएफ की पूछताछ में सतीश उर्फ मनीष ने बताया कि वह मूल रूप से बनपोई, थाना मोहम्मदाबाद, जनपद फर्रुखाबाद का रहने वाला है। वह मौजूदा समय में राजस्थान में रह रहा था। उसने बताया कि वह घुमंतू जाति से ताल्लुक रखता है। उसकी जाति के लोग अलग-अलग शहरों में डेरा डालकर रहते हैं और मौका पाते ही लूट और डकैती करते हैं। लूट या डकैती के समय अगर उन्हें किसी से खतरा लगता है तो वह उन्हें मारने में भी एक पल की देरी नहीं करते।
साल 2009 में सभी लोग बरेली में डेरा डालकर रह रहे थे। उन दिनों भोजीपुरा क्षेत्र में दोहना पावर ग्रिड में मिट्टी डालने का कार्य चल रहा था। इस बीच 10 साथियों के साथ मिलकर चार ट्रैक्टर-ट्राली लूट लिए थे। उसके कुछ दिनों बाद दो ट्रैक्टर-ट्राली गांव उदयपुर थाना देवरनिया से लूट लिए थे। घटना के कुछ समय बाद पुलिस ने उसके साथी दीपक बहेलिया, अजीत बहेलिया, सुरेश, परसेला, श्याम सिंह और चन्द्रपाल को छह ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ गिरफ्तार कर लिया था।
आरोपी ने बताया कि डकैती में शामिल दो साथी जन्डैल और सुजान मध्य प्रदेश के भिंड के रहने वाले थे। जिन्हें मध्य प्रदेश से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जबकि एक आरोपी राहुल की मौत हो गई थी। लगातार पुलिस की कार्रवाई से वह अपने परिवार सहित राजस्थान में जाकर रहने लगा। कुछ समय बाद वहां ऑटो चलाने लगा था। किसी के नाम पूछने पर अपना नाम मनीष बताता था। आरोपी के खिलाफ अलग-अलग जिलों में कुल तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।