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कृषि विभाग: ढैंचा के कलस्टर बीज वितरण में 19 लाख का खेल, बाबू पास, किसान फेल

डिप्टी डायरेक्टर कृषि कार्यालय के एक बाबू ने गोदाम प्रभारी से सांठगांठ कर किसानों के ढैंचा के कलस्टर बीज में बड़ी रकम को ठिकाने लगाने की तैयारी कर ली है।

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Sudhakar Shukla
Agriculture Department
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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नया वित्तीय वर्ष प्रारंभ होते ही कृषि विभाग में एक बार फिर किसानों को मुफ्त में मिलने वाले ढैंचा बीज में घपला करने की तैयारी शुरू हो गई है। खरीफ सीजन में किसानों के लिए मुफ्त में मिलने वाले 160 कुंतल ढैंचा के बीज को डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय के एक बाबू ने बरेली के चार ब्लॉकों में भेज दिया। मगर, इसकी जानकारी अपने ही विभाग के तकनीकी सहायक और एडीओ एग्रीकल्चर को नहीं दी। ब्लॉकों में यह बीज 11 अप्रैल को गोपनीय तरीके से भेजा गया है। किसानों को मुफ्त में ढैंचा का बीज न वितरित करके खुले बाजार में दुकानदारों को बेचने की तैयारी है। 

केंद्र सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत बरेली के चार ब्लॉक बहेड़ी, भोजीपुरा, भुता और भदपुरा में 40-40 कुंतल यानि की 160 कुंतल बीज कलस्टर प्रदर्शन के तहत किसानों को खरीफ सीजन में निशुल्क वितरित किया जाना है। इसके लिए डिप्टी डायरेक्टर अभिनंदन सिंह ने ब्लॉकों के सहायक विकास अधिकारी, प्रभारी बीज भंडार और तकनीकी सहायक एनएफएसएम को एक पत्र 8 अप्रैल को जारी किया है। इस पत्र में कहा गया है कि ब्लॉक बहेड़ी, भोजीपुरा, भुता और भदपुरा में 160 कुंतल ढैंचा बीज के कलस्टर प्रदर्शन के लिए उचित किसानों का चयन किया जाए। 

बीज वितरण में न किसानों की खुली बैठक, न आरक्षण का पालन  

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एनएफएसएम योजना के तहत कलस्टर प्रदर्शन में ढैंचे का बीज वितरित करने के लिए पात्र किसानों के चयनखुली बैठक में करने का प्रावधान है। ढैंचे का बीज लेने के वही किसान पात्र होंगे, जिनका ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकृत है। किसानों को कलस्टर बीज वितरण में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को 18 प्रतिशत और महिला किसानों को 30 प्रतिशत और लघु सीमांत किसानों को 33 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रावधान है। मतलब, कुल किसानों में से इन वर्ग के किसानों को आरक्षण के अनुपात में बीज देना अनिवार्य है। मगर, खरीफ सीजन में कलस्टर प्रदर्शन के लिए अब तक न तो खुली बैठक कराई गई है। न ही तकनीकी सहायक और एडीओ एग्रीकल्चर को बीज ब्लॉकों में पहुंचने की जानकारी दी गई। सूत्रों के अनुसार डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय के एक चर्चित बाबू ने कृषि बीज गोदाम प्रभारियों से सांठगांठ करके किसानों को मुफ्त में दिए जाने वाले बीज को खुले बाजार में 150 रुपये प्रति कुंतल बेचने की बात कर ली है। इसलिए जब भी कोई किसान ब्लॉकों में सरकारी गोदाम पर ढैंचे का बीज लेने पहुंचता है तो गोदाम प्रभारी यह कहकर उसे टरका देते हैं कि ढैंचे का बीज अभी उपलब्ध नहीं है। जब आएगा तो ले जाना। खास बात यह है कि ढैंचा के बीज की बुवाई का सीजन कुछ ही दिन का है। उसके बाद यह बीज किसानों के लिए बेकार है।

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सांसद, विधायक और ब्लॉक प्रमुख भी नजरंदाज 

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डिप्टी डायरेक्टर कृषि अभिनंदन सिंह के पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि ढैंचा के निशुल्क बीज का वितरण उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों जैसे सांसद, विधायक, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य, प्रधान और बीडीसी के माध्यम से किया जाए। मगर, अब तक कृषि विभाग ने किसी भी जनप्रतिनिधि को ढैंचा बीज वितरण की सूचना नहीं भेजी है। किसानों का कहना है कि भुता के बीज गोदाम प्रभारी तिलकराम ज्यादातर समय अपना मोबाइल नंबर बंद रखते हैं। न ही गोदाम पर मिलता है। किसानों की गोदाम प्रभारी से बात नहीं हो पा रही है। यह गोदाम प्रभारी पहले भी सरकारी बीज की कालाबाजारी करने में सस्पेंड हो चुका है। गांव गजनेरा के किसान ने ढैंचा बीज न देने की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की है। 

कालाबाजारी की कमीशन में सबके रेट फिक्स  

कृषि विभाग के सूत्रों का कहना है कि चार ब्लॉकों में लगभग 19 लाख रुपये के ढैंचा बीज का वितरण किसानों को मुफ्त किया जाना है। इसके लिए विकास भवन में कृषि विभाग के अफसर और बाबुओं के बीच गोपनीय मीटिंग हो चुकी है। उस मीटिंग में यह तय किया गया है कि गोदाम प्रभारी दो चार चुनिंदा किसानों को बीज देने की खानापूरी करके ज्यादातर बीज दुकानदारों को खुले बाजार में बेच दें। बीज के कालाबाजारी की जो भी रकम आए, वह डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय के बाबू प्रखर सक्सेना और कुलदीप इकट्ठा करके जिला कृषि अधिकारी कार्यालय के बाबू अमित कुमार वर्मा को दें। अमित कुमार वर्मा यह रकम कृषि विभाग के अफसरों तक पहुंचाएंगे। यह सब काम गोपनीय तरीके से होना है। किसी को कानोंकान खबर न लगे।

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बाबू प्रखर सक्सेना के घूस मांगने की चल रही है जांच 

डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय के बाबू प्रखर सक्सेना ने कृषि यंत्र देने के बदले नौगवां गांव निवासी किसान चैतन्य प्रकाश से 5000 रुपये की घूस मांगी थी। किसान ने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार से शिकायत की थी। उस जांच में डिप्टी डायरेक्टर अभिनंदन सिंह ने बाबू को क्लीनचिट दे दी थी। उसके बाद किसान ने शासन में बाबू के रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। वह जांच अभी भी चल रही है। यह जांच संयुक्त निदेशक कृषि राजेश कुमार कर रहे हैं। ढैंचा बीज वितरण का पटल भी बाबू प्रखर सक्सेना ही देख रहे हैं। कृषि विभाग के अफसरों की बाबू प्रखर सक्सेना और कुलदीप पर खास मेहरबानी बनी हुई है। 

हमने सुना है कि ब्लाक के गोदाम पर कलस्टर प्रदर्शन के लिए ढैंचा का बीज आया है। गोदाम प्रभारी से हमने किसानों को निशुल्क बीज बांटने के लिए कहा है। अभी किसानों का चयन भी किया जाना है।

प्रेमपाल, सहायक विकास अधिकारी कृषि बहेड़ी

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