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Bareilly News: बीस साल से कृषि विभाग में एक ही जगह जमे हैं बाबू, दस साल पहले आत्मा योजना के घपले में हुई थी कार्रवाई

कृषि विभाग के बाबू अमित कुमार इन दिनों चर्चा में हैं। खाद-बीज में लाखों के गोलमाल का आरोप इन पर लग चुका है। इसके बावजूद वे पिछले 20 साल से एक ही विभाग में जमे हुए हैं।

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Aditya Pujan
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बरेली, वाईबीएन नेटवर्क

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कृषि विभाग में जिला कृषि अधिकारी के वरिष्ठ पटल सहायक अमित कुमार खाद बीज के लाइसेंस बनाने और उनका नवीनीकरण करने में मोटी ऊपरी कमाई के चलते अफसरों के चहेते बने हुए हैं। वे बीस साल से जिला कृषि अधिकारी के वरिष्ठ सहायक के एक ही पटल पर कार्यरत थे। बीते साल 29 जून को बमुश्किल शासन ने इनका ट्रांसफर कृषि रक्षा विभाग में किया तो भी वह संबंधित अफसरों से मिलकर अपने ट्रांसफर का आदेश दबाए रहे। निवर्तमान विधायक के संज्ञान में जब ये मामला सामने आया तो उन्होंने संयुक्त निदेशक कृषि राजेश कुमार से मिलकर शासन के आदेश का पालन करते हुए हटाने को कहा। अब इस मामले की जांच शुरू हो गई है। 

जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी के वरिष्ठ सहायक अमित कुमार अचानक चर्चा में आ गए हैं। वे बीते दो दशक से जिला कृषि अधिकारी के पटल पर ही जमे हुए थे। इसकी वजह है इस पटल से होने वाली मोटी कमाई। सूत्रों के मुताबिक बरेली में थोक और फुटकर खाद और बीज विक्रेता दुकानदारों की संख्या 1000 से अधिक है। खाद बीज का नया लाइसेंस बनाने में दुकानदारों से 25 हजार और नवीनीकरण में दस हजार रुपए वसूले जाते हैं। अगर जिला कृषि अधिकारी ने दुकानों पर अचानक छापा मारकर नकली खाद बीज पकड़ लिया तो लाखों के वारे न्यारे होते हैं। इसलिए अमित कुमार बीते बीस साल से हमेशा इसी पटल पर काम करते आए हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि इनकी ऊपरी कमाई का हिस्सा न केवल बरेली बल्कि लखनऊ निदेशालय में भी उच्च अधिकारियों तक पहुंचता है। तभी विभागीय अफसर लंबे समय से इन पर मेहरबान बने हुए हैं। 

शासन के नियमानुसार किसी भी मंडल के एक कार्यालय में बाबू की तैनाती तीन साल से अधिक नहीं हो सकती, लेकिन अमित कुमार वर्मा को बीस साल से कृषि विभाग के इस मलाईदार पटल से कोई हिला नहीं पाया है। ये संबंधित जिला कृषि अधिकारी की चापलूसी और आवभगत में नंबर वन माने जाते हैं। 29 जून 2024 को बमुश्किल इनका तबादला कृषि रक्षा विभाग में कर दिया था। मगर, इन्होंने नए पटल पर ज्वॉइन नहीं किया और नियम विरुद्ध अपना वेतन जिला कृषि अधिकारी दफ्तर से ही लेते रहे। अमित कुमार का वेतन अपने दफ्तर से निकालने में जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी भी फंस गई हैं क्योंकि तबादले के बाद इनका वेतन कृषि रक्षा कार्यालय से जारी होना चाहिए था। किसानों ने इस मामले की शिकायत निवर्तमान विधायक राजेश कुमार मिश्रा पप्पू भरतौल से की तो उन्होंने ज्वाइंट डायरेक्टर कृषि राजेश कुमार से मिलकर शासन के आदेश का पालन करने को कहा। संयुक्त कृषि निदेशक ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। 

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आत्मा योजना में घपले में हुई थी कार्रवाई 

सूत्रों के अनुसार कृषि विभाग के बाबू अमित कुमार ने आत्मा योजना में करोड़ों रुपए का गोलमाल कर लिया था। तब तत्कालीन उप कृषि निदेशक डॉ तेजवीर सिंह तेवतिया ने अमित कुमार को सस्पेंड कर दिया था। फिर ये जुगाड़ करके बहाल हो गए और अफसरों की कृपा से पुराने पटल को दोबारा हथियाने में कामयाब रहे। 

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