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बरेली, वाईबीएन संवाददाता। कृषि विभाग के हाल भी अजीब-गरीब हैं। शासन से अब तक आधा दर्जन से अधिक बाबुओं के ट्रांसफर दूसरे पटलों पर हो चुके हैं। मगर, बाबू ऊपरी कमाई के मलाईदार पटल छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर भूमि संरक्षण विभाग के कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह का बांदा ट्रांसफर हो चुका है। यह रिलीव भी हो चुके हैं। फिर भी यह अपने बिलवा नैनीताल रोड के पुराने दफ्तर में बैठकर गोदाम इंचार्जों से ऊपरी कमाई की बकाया रकम लाने के लिए फोन करके दबाव बनाने की कोशिश में लगे हैं।
रिलीव होने से पहले मोटी कमाई में जुटे स्थापना बाबू
कृषि विभाग में बरेली डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय से शिवकुमार उर्फ बुलेट राजा का ट्रांसफर यूपी के बागपत जिले में हो चुका है। मगर, इनको पुराने पटल से इतना लगाव है कि अब तक रिलीव होने का नाम नहीं ले रहे हैं। न ही नए जिले में ज्वाइन करने की इच्छा है। वहीं डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय के दूसरे बाबू सुधीर कुमार स्थापना का पटल देखते थे। यह अब भी पुराना पटल इसलिए नहीं छोड़ना चाहते। सूत्रों के अनुसार बाबू सुधीर कुमार अपना मेरठ ट्रांसफर कराने के लिए कृषि निदेशालय में मोटा लिफाफा देकर आए हैं। उस लिफाफे की रकम बरेली से ही पूरी करके मेरठ जाना चाहते हैं। हाल ही में इन्होंने मीरगंज में गोदाम का चार्ज देने के बदले में अपने सजातीय कर्मचारी से 20 हजार रुपए की ऊपरी कमाई कर ली। कृषि विभाग के सूत्रों का मानना है कि स्थापना का पटल देखने वाले सुधीर बाबू अपनी रिलीविंग से पहले दूसरे जिलों से ट्रांसफर होकर आने वाले बाबू और कर्मचारियों की ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे हैं ताकि उनका ज्वाइनिंग लेटर जारी करके मोटी कमाई कर सकें। डिप्टी डायरेक्टर दफ्तर के बड़े साहब ने इनके साथी रामकुमार को बुलंदशहर जाने के लिए तुरंत रिलीव कर दिया। जबकि सुधीर कुमार को मोटा माल समेटने के लिए अब तक रिलीव नहीं किया गया। सुधीर बाबू अपनी कुर्सी छोड़कर दफ्तर के बाहर चाय की दुकान पर बैठकर गोदाम इंचार्ज बनाने के बदले मोटी कमाई की सेटिंग करते रहते हैं।
महिला दोस्त को अकेला छोड़कर कैसे जाएं नए दफ्तर
डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय के दूसरे चर्चित बाबू का ट्रांसफर जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में हो चुका है। मगर, अब तक यह भी रिलीव नहीं हुए हैं। कार्यालय में काम करने वाले साथियों ने इनका नाम मजनू बाबू रख दिया है। मजनू बाबू डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय छोड़कर किसी हाल में अपने नए पटल पर नहीं जाना चाहते। क्योंकि इनकी एक दोस्त उसी कार्यालय में काम करती हैं। उनकी कुर्सी मजनू बाबू के बगल में ही डाली गई है। मजनू बाबू अपनी उस दोस्त के साथ पूरे दिन गपशप करते हैं। यह अक्सर अपनी महिला दोस्त के साथ बाहर चाय पीने बाहर भी निकल जाते हैं। इतना ही नहीं, मजनू बाबू की महिला दोस्त भी इनको किसी भी हाल में खुद से दूर नहीं करना चाहती। उन्होंने साफ कह दिया है कि तुमसे दूर नहीं रह सकते। मजनू बाबू सुबह अपनी दोस्त को घर से दफ्तर अपनी गाड़ी से लेकर आते हैं और शाम को ऑफिस से बाहर निकलते ही हवाई अड्डे स्थित घर तक छोड़ने भी जाते हैं। कृषि विभाग के सूत्रों ने अपना नाम न प्रकाशित करने की गुजारिश पर बताया कि भीषण गर्मी में दोनों नैनीताल जाने की प्लानिंग बना रहे हैं। बाबू की पत्नी बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर हैं। वह भाेजीपुरा के एक स्कूल में कार्यरत हैं। जून की छुट्टी में बाबू अपनी पत्नी को तो लेकर कहीं नहीं गए। बेचारी पत्नी ने पूरी छुट्टियां घर पर ही काट दीं। अब उनकी छुट्टी खत्म हो चुकी हैं। पत्नी के व्यस्त होने के बाद मजनू बाबू अपनी महिला दोस्त के साथ नैनीताल जाकर छुट्टियां मनाने की जुगाड़ में हैं।
रिलीव होने के बाद भी कुर्सी पकड़े रहने की बेचैनी
कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी संजय सिंह को उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी के पद से बरेली से 21 जून को रिलीव कर दिया गया। उनका चार्ज भी जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी को दिया जा चुका है। मगर, संजय सिंह अपनी नई ट्रांसफर वाली जगह बांदा ज्वाइन न करके अब तक पुराने दफ्तर में ही बैठकर पुराने बिल काटने में लगे हैं। सूत्रों के अनुसार भूमि संरक्षण विभाग खेत समतीकरण, मेड़बंदी, कुलाबा निर्माण में पीला ईंट लगवाकर 10 करोड़ से ज्यादा का गोलमाल करके आरोप में जांच का सामना न कर पाने वाले कार्यवाहक भूमि संरक्षण अधिकारी अनाप-शनाप बिल काटकर ऊपरी कमाई की मोटी रकम ठिकाने लगाने में जुटे हैं। हालांकि कार्यवाहक अपने किराए के घर से अपना सब सामान रुद्रपुर ले जा चुके हैं। अब वह प्रतिदिन रुद्रपुर से बरेली आकर कुछ देर ऑफिस में बैठते हैं। फिर अपने सजातीय एमएलसी के दरबार में हाजिरी लगाकर अपने बांदा ट्रांसफर होने का दुखड़ा रोते हैं। सूत्रों के अनुसार कार्यवाहक बीएसए ने कुछ दिन पहले एक गोदाम इंचार्ज को ऊपरी कमाई का हिसाब-किताब करने के लिए फोन किया था। मगर, गोदाम इंचार्ज ने कह दिया कि अब आपका ट्रांसफर हो चुका है तो किस बात के रुपए दें। अब नए वालों को देंगे। कार्यवाहक बीएसए के घपलों की टीएससी जांच चल रही है। उसमें कार्यवाहक बीएसए के साथ ही इनके खास सजातीय भंडारी बाबू भी फंसते नजर आ रहे हैं।
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शासन से जिन अफसर या पटल सहायकों के ट्रांसफर हुए हैं। उनको तत्काल प्रभाव से रिलीव कराया जा रहा है। जो अधिकारी रिलीव हो चुके हैं, वह तत्काल नई जगह ज्वाइन कर लें। क्योंकि इनका जुलाई का वेतन नई ज्वाइनिंग वाली जगह से ही निकलेगा। रिलीव न होने पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी।
दुर्विजय सिंह, संयुक्त निदेशक कृषि, बरेली मंडल बरेली