Advertisment

कृषि विभाग : डीडी ने मेरठ में अपना मकान बनाने के लिए ऊपरी कमाई का दबाव बढ़ाया... तो कर्मचारियों ने मटका रखकर चंदा इकट्ठा कराया

डीडी कृषि अमरपाल ने अपने स्टॉफ पर किसानों की सब्सिडी और कृषि योजनाओं में 20 से 50% तक ऊपरी कमाई का दबाव बनाया तो कर्मचारियों ने दफ्तर में गुल्लक रखकर चंदा इकट्ठा करना शुरू कर दिया

author-image
Sudhakar Shukla
डिप्टी डायरेक्टर कृषि अमरपाल का मेरठ में मकान बनवाने के लिए कर्मचारियों ने दफ्तर के बाहर रखी गुल्लक

डिप्टी डायरेक्टर कृषि अमरपाल का मेरठ में मकान बनवाने के लिए कर्मचारियों ने दफ्तर के बाहर रखी गुल्लक

वाईबीएन संवाददाता, बरेली। 

डिप्टी डायरेक्टर कृषि अमरपाल अपना अतिरिक्त चार्ज संभालते ही विवादों में फंस गए हैं। उन्होने पहले एक विभागीय कर्मचारी को फरीदपुर से हटाया तो उसमें 20 हजार की रिश्वत लेने के आरोप लगे। उसका सामना वह अभी कर ही रहे थे कि आंवला के अब विषय वस्तु  विशेषज्ञ को रामनगर ब्लॉक से अटैच करने का आदेश जारी किया तो एडीओ ने अपने डीडी पर आरोप लगाया कि डीडी (कृषि) प्राकृतिक खेती में 1500 किसानों को मिलने वाले अनुदान पर 20% और बाकी सब्सिडी पर 50% की ऊपरी कमाई करने का दबाव बना रहे हैं। एडीओ के अनुसार डीडी (कृषि) का मेरठ में आलीशान मकान बन रहा है। उसके लिए उनको हर हाल में प्रत्येक कृषि योजना में ऊपरी कमाई की मोटी रकम चाहिए। 

आंवला के विषय वस्तु विशेषज्ञ मुनेंद्र कुमार सैनी ने बताया कि नए डिप्टी डायरेक्टर अमरपाल ने जबसे अतिरिक्त चार्ज संभाला है, तबसेकेंद्र और राज्य सरकार की प्रत्येक योजना में घपलेबाजी बढ़ गई है। रबी फसलों में गेहूं, सरसों, मटर, चना आदि के सब्सिडी वाले बीज को ब्लॉकों में स्थित कृषि गोदामों से ओवर रेट में दुकानदारों को बेचकर उनकी कालाबाजारी हो रही है। इसके लिए प्रत्येक गोदाम इंचार्ज से 20 हजार रुपए की डिमांड रखी गई है। गोदाम इंचार्ज भी इसके लिए तैयार थे। जब उन्होंने बतौर एसडीओ (कृषि) किसानों को सब्सिडी वाले गेहूं समेत अन्य बीजों की ओवररेटिंग और कालाबाजारी की रिपोर्ट दी तो डीडी भड़क गए और उनको आंवला तहसील से हटाकर रामनगर ब्लॉक से अटैच कर दिया जबकि उनकी मूल तैनाती मझगवां ब्लॉक में है।

सैनी के अनुसार उनका तबादला आदेश सिर्फ ऊपरी कमाई का विरोध करने के चलते पूरी तरह से गलत और नियम विरूद्ध बनाया गया। उनके साथ ये सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वह डिप्टी डायरेक्टर का मकान बनाने में ऊपरी कमाई के लिए किसानों की सब्सिडी हड़पने में सहयोग नहीं कर पा रहे हैं।

टेंडर प्रक्रिया में भी गोलमाल 

सूत्रों के अनुसार हाल ही में डीडी अमरपाल ने किसान गोष्ठी कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की तो उसमें अपने खास ठेकेदार को व्यक्ति को टेंडर दिलाने के लिए कमेटी का अध्यक्ष सहायक निदेशक मृदा परीक्षण नरेंद्र मौर्य को बना दिया। सहायक निदेशक मृदा परीक्षण नरेंद्र मौर्य फरीदपुर में भूता ब्लॉक के शंकरपुर गांव के रहने वाले हैं। नियमानुसार उनकी बरेली में तैनाती ही नियम विरूद्ध है। फिर उनका लोकल ठेकेदारो के साथ उठना बैठना है। तमाम ठेकेदार उनके दफ्तर में आए दिन जमे रहते हैं। सूत्रों का कहना है कि नरेंद्र मौर्य और डिप्टी डायरेक्टर मिलकर कृषि विभाग के टेंडरो में भी अपने खास ठेकेदार के जरिए ऊपरी कमाई करने में लग गए हैं। 

Advertisment

डीडी का मकान बनाने के लिए दफ्तर के बाहर गुल्लक रखकर इकट्ठा किया चंदा

कृषि विभाग के कर्मचारियों ने डिप्टी डायरेक्टर की भ्रष्ट कार्य प्रणाली का गांधीवादी तरीके से विरोध करते हुए बिलवा दफ्तर के बाहर गुल्लक रखकर चंदा इकट्ठा करना शुरू कर दिया। गुल्लक के ऊपर चिट चिपकाई गई कि डिप्टी डायरेक्टर कृषि अमरपाल का मेरठ में मकान बन रहा है। उसके लिए सभी गुल्लक में चंदे के रूप में दान दें। जैसे ही डीडी कार्यालय के बाहर गुल्लक रखने की खबर फैली तो लखनऊ तक बवाल मच गया। उच्च अधिकारियों तक भी खबर पहुंच गई कि डीडी कृषि विभागीय कर्मचारियों पर कृषि योजनाओं में घपला करके ऊपरी कमाई का दबाव बना रहे हैं। क्योंकि उन्होंने अपने खास बाबुओं के जरिए पूरे स्टॉफ को यह संदेश भिजवाया है कि मेरठ वाले मकान को बनाने में बहुत खर्च आ रहा है। इसलिए, ज्यादा से ज्यादा पैसे इकट्ठा करके लाओ। 

मैं अपना काम ईमानदारी से करता हूं। तो डीडी को ऊपरी कमाई करके कहां से दूं। उनको मकान बनाने के लिए ढेर सारे पैसे की जरूरत है। इसलिए हम सबने मिलकर दफ्तर के बाहर गुल्लक रखकर चंदा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। 
-मुनेंद्र कुमार सैनी, विषय वस्तु विशेषज्ञ आंवला 

डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय में जो कुछ भी घटनाएं चल रही हैं। वह गंभीर है। इन सबकी जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी। -डीवी सिंह, जॉइंट डायरेक्टर कृषि विभाग बरेली मंडल बरेली

Advertisment
Advertisment
Advertisment