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कृषि विभाग : प्राकृतिक खेती के अनुदान में कमीशन न मिलने पर डीडी ने एडीओ को हटाया, सजातीय को लगाया

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किसानों को 50% अनुदान पर 12 क्लस्टर आंवला तहसील को दिए। इसमें 1500 किसानों को 50% अनुदान मिलना था। डीडी ने 20% कमीशन मांगा है।

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Sudhakar Shukla
डिप्टी डायरेक्टर कृषि कार्यालय नैनीताल रोड बिलवा बरेली

डिप्टी डायरेक्टर कृषि कार्यालय नैनीताल रोड बिलवा बरेली

वाईबीएन संवाददाता , बरेली । प्राकृतिक  खेती के अनुदान में 20% कमीशन न देने पर डिप्टी डायरेक्टर कृषि अमरपाल ने आंवला तहसील के विषय वस्तु विशेषज्ञ मुनेंद्र कुमार सैनी को बिना नोटिस दिए अचानक चार्ज से हटा दिया। उनको रामनगर ब्लॉक से अटैच कर दिया गया है। खास बात यह है कि मुनेन्द्र कुमार सैनी की मूल पोस्टिंग ब्लॉक मझगवां में है, जबकि इनको ब्लॉक रामनगर से अटैच दिखाया गया है। डीडी के इस बेतुके तबादला आदेश पर अब सवाल उठने लगे हैं। वहीं विषय वस्तु विशेषज्ञ मुनेंद्र कुमार ने डिप्टी डायरेक्टर कृषि अमरपाल पर भ्रष्टाचार के तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं। वह डीडी (कृषि) के किसान हित की योजनाओं में कमीशन मांगने की शिकायत डीएम से करेंगे। 

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कृषि विभाग में नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फॉर्मिंग की सब्सिडी किसानों के खाते में भेजने से पहले उसमें वसूले जाने वाले वाले कमीशन पर बवाल मचा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक ब्लॉक रामनगर मझगवा और आलमपुर जाफराबाद में कृषि केंद्र के गोदाम प्रभारियों को गेहूं, सरसों, चना, मसूर समेत रबी सीजन में बोई जाने वाली फसलों के बीज की कालाबाजारी कराने और प्राकृतिक खेती की सब्सिडी उनके बैंक खातों में भेजने से पहले उनसे आधी रकम वापसी का खेल शुरू हो चुका है। एडीओ कृषि मुनेंद्र कुमार सैनी पर सोमवार को डिप्टी डायरेक्टर ने नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फॉर्मिंग के काम में लापरवाही बरतने और डाटा फीड न करने का नोटिस देते उनको आंवला तहसील से हटाकर रामनगर ब्लॉक से अटैच कर दिया। वहीं विषय वस्तु विशेषज्ञ (एडीओ) कृषि मुनेंद्र कुमार सैनी का कहना है कि डिप्टी डायरेक्टर (कृषि) अमरपाल को प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की सूची उनके मोबाइल नंबर पर कई दिन पहले ही भेज चुके हैं। डेटा फीडिंग का काम ऑफिस के बाबू का है। फिलहाल , इस मामले को लेकर डीडी कृषि और विषय वस्तु विशेषज्ञ के बीच तलवारें खिंच गई हैं।

प्रत्येक सरकारी योजना में कमीशन देने का दबाव बनाते हैं डीडी (कृषि) : सैनी 

कृषि विभाग के विषय वस्तु विशेषज्ञ मुनेंद्र कुमार सैनी ने आरोप लगाया कि कि डिप्टी डायरेक्टर कृषि अमरपाल उनसे प्रत्येक योजना में किसानों को मिलने वाली सबसिडी की 20% रकम एडवांस ऊपरी कमाई के तौर पर लंबे समय से मांग रहे हैं। जब वो खुद किसी किसान से एक पैसा नहीं लेते तो डीडी को ऊपरी कमाई कहां से कराएं। सैनी का कहना है कि वह अपना काम हमेशा ईमानदारी से करते आए हैं। न किसी से कोई अतिरिक्त पैसा लेते हैं। न ही वो किसी गोदाम इंचार्ज या विभागीय अफसर को सरकारी सब्सिडी में किसानों से ऊपरी कमाई करने देंगे। एडीओ कृषि मुनेंद्र कुमार सैनी के अनुसार, जब उन्होंने किसानों की सब्सिडी में किसी तरह का घपला करने से इनकार किया तो उनके डिप्टी डायरेक्टर ने खिसियाकर उनको आंवला संभाग से हटा दिया। वह इस मामले में  जिलाधिकारी से मिलकर डिप्टी डायरेक्टर के भ्रष्टाचार की शिकायत करेंगे। डिप्टी डायरेक्टर कृषि को यही नहीं पता कि उनकी मूल तैनाती मझगवां ब्लॉक में है जबकि डीडी ने उनको रामनगर ब्लॉक से अटैच किया है। मुनेंद्र कुमार सैनी ने कहा कि कुछ पहले जिला अधिकारी ने भी कुछ दिन पहले ही एक मीटिंग में उनके  काम की तारीफ की थी। मगर, डीडी (कृषि) ऊपरी कमाई न कराने के चलते उनको दूसरे मामलों में दोषी ठहराने में लगे हैं। 
 -एडीओ कृषि मुनेंद्र कुमार सैनी 

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अपने खास कर्मचारी को ऊपरी कमाई के लिए ड्यूटी पर लगाया 

एडीओ (कृषि) मुनेंद्र कुमार सैनी ने आरोप लगाया  कि डिप्टी डायरेक्टर (कृषि) अमरपाल का मेरठ की एक पाश कॉलोनी में पिछले तीन साल से आलीशान मकान बन रहा है। इसके लिए वह कृषि विभाग की सभी योजनाओं में 20% कमीशन की रकम एडवांस मांग रहे हैं। उनका कहना है कि डीडी (कृषि) विभागीय काम न करके सिर्फ ऊपरी कमाई में लगे हैं। सैनी के अनुसार डिप्टी डायरेक्टर (कृषि) के पास डिप्टी डायरेक्टर कीटनाशक का भी चार्ज है। उसमें वह कीटनाशक की दुकानो पर चेकिंग के नाम पर पहले छापे मारते हैं। फिर 5000 रुपए लेकर मामला वहीं का वही रफा दफा कर देते हैं। सैनी ने आरोप लगाया कि डिप्टी डायरेक्टर कृषि ने अपने क्षेत्र शामली के रहने वाले अपने खास तकनीकी सहायक कुलदीप को दुकानों और किसानों के सत्यापन के अलावा कर्मचारियों और गोदाम प्रभारियों से ऊपरी कमाई के लिए डीलिंग के काम पर लगा रखा है। जब भी तकनीकी सहायक कुलदीप को कमीशन देने से मना करो तो वह कहते हैं कि डीडी साहब का मेरठ में  बहुत बड़ा मकान बन रहा है। उसमें उनको बड़ी रकम की जरूरत है। डीडी के खास बाबुओं का कहना है कि कृषि विभाग के अतिरिक्त चार्ज का कोई भरोसा नहीं है कि वह उससे कब हट जाए। इसलिए, अधिक से अधिक ऊपरी कमाई करना स्टाफ लक्ष्य रखा है।  साहब को पैसा देना है। डीडी (कृषि) अमरपाल से उनके मोबाइल नंबर पर बात करके इस मामले में उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उनका फोन रिसीव नहीं हो सका। 

क्या बोले अधिकारी 

हमारे विभाग के डिप्टी डायरेक्टर साहब हर योजना में 20% कमीशन एडवांस टीए कुलदीप के जरिए मांगते हैं। इसलिए मुझ पर बिना नोटिस के कार्रवाई की गई है। जिस सूची पर डीडी साहब ने मुझे तहसील से हटाने का आदेश किया है, वो सूची मैं उनको पहले ही भेज चुका हूं। 
-मुनेंद्र कुमार सैनी, विषय वस्तु विशेषज्ञ कृषि विभाग आंवला 
 
 

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