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कृषि विभाग : सीडीओ की जांच के दो साल बाद भी नहीं हुई बीस लाख की वसूली

कृषि विभाग के गोदाम इंचार्ज, बाबू, तत्कालीन जिला कृषि अधिकारी और कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों के प्रशिक्षण के लिए शासन से आई 20 लाख से ज्यादा की रकम हड़प ली।

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Sanjay Shrivastav
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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कृषि विभाग में चार साल पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर किसानों को उन्नत खेती के प्रशिक्षण के लिए शासन से मिलने वाली बीस लाख से अधिक की धनराशि तत्कालीन जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, बाबू, जिला योजना के सलाहकार और बीज गोदाम प्रभारियों ने फर्जी बिल काटकर अपने निजी बैंक खातों में ट्रांसफर कर ली थी। सीडीओ जगप्रवेश की जांच में यह सब दोषी भी पाए गए। पेड बाई मी की रकम की वसूली के साथ कार्रवाई के लिए भी सीडीओ ने शासन को लिखा। इस धनराशि की वसूली न करने पर उप कृषि निदेशक अभिनंदन सिंह को प्रतिकूल प्रविष्टि के लिए भी लिखा गया। मगर, अब तक न तो सरकारी रकम की वसूली हुई। न ही अन्य दोषियों पर किसी तरह की कार्रवाई की गई। कृषि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अफसरों की मनमानी की वजह से अब तक यह मामला ठंडे बस्ते में है। 

वर्ष 2021-22 में तत्कालीन जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी के पास डिप्टी डायरेक्टर कृषि का भी चार्ज था। उस समय कृषि विभाग के पास शासन से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि प्रदर्शनी मेले का आयोजन होना था। मगर, कृषि विभाग के तत्कालीन प्रभारी डीडी कृषि और जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी अर्चना प्रकाश वर्मा, रिश्वत प्रकरध में घिरे डीडी कार्यालय के बाबू प्रखर सक्सेना, मझगवां गोदाम इंचार्ज सुनील कुमार, रामनगर गोदाम इंचार्ज यज्ञदेव शर्मा, आलमपुर जाफराबाद के गोदाम इंचार्ज रविशंकर, भोजीपुरा गोदाम इंचार्ज अनिल गंगवार, क्यारा गोदाम इंचार्ज सूर्य प्रकाश, भदपुरा गोदाम प्रभारी अशोक कुमार, मीरगंज गोदाम प्रभारी ज्ञानेंद्र कुमार समेत अन्य ब्लॉकों के गोदाम प्रभारियों, जिला योजना के सलाहकार अमित सिंधू और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जागनलाल समेत बाकी कृषि कर्मचारियों ने बीस लाख से ज्यादा की रकम फर्जी बिल बनाकर अपने निजी बैंक खाते में ट्रांसफर कर ली। कोरोना काल में बहुत दिन तक यह मामला फाइलों में दबा रहा। उसके बाद डिप्टी डायरेक्टर दीदार सिंह को चार्ज मिला। उन्होंने भी यह मामला दबाने में कृषि विभाग के अफसरों की पूरी मदद की। 

कोरोना की आपदा में अफसरों ने तलाश लिया ऊपरी कमाई का अवसर 

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कोरोना काल में पीएम मोदी ने नारा दिया था कि आपदा में अवसर। इसी को चरितार्थ करते हुए कृषि विभाग के अफसरों ने कोरोना की आपदा में किसानों को उन्नत खेती के प्रशिक्षण के लिए आई 20 लाख से ज्यादा की रकम को फर्जी बिल काटकर अपने निजी बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिया। तत्कालीन जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी ने लखीमपुर खीरी के बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर की। सूत्रों के अनुसार जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी ने किसानों के प्रशिक्षण के लिए आने वाली दस लाख से ज्यादा की रकम अपनी पत्नी, भतीजे और अन्य रिश्तेदारों के बैंक खाते में भी ट्रांसफर की। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी बरेली से ट्रांसफर होकर अलीगढ़ में इसी पद पर कार्यरत हैं। सीडीओ ने इनके निलंबन की संस्तुति भी की है। सूत्रों की मानें तो लखनऊ कृषि निदेशालय में उनके सजातीय डायरेक्टर डॉ जितेंद्र तोमर ने सीडीओ की संस्तुति के बाद भी उनको न केवल निलंबन से बचाया, बल्कि अलीगढ़ में जिला कृषि अधिकारी का चार्ज भी दे दिया। 

वर्जन 

पेड बाई मी में निजी खाते में भेजी गई रकम में जिला कृषि अधिकारी और कृषि रक्षा अधिकारी क्लास टू अफसर हैं। हम इनसे धनराशि की वसूली नहीं कर सकते। इसलिए, पेड बाई मी की समस्त धनराशि की वसूली के लिए शासन को लिखा गया है।

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अभिनंदन सिंह, डिप्टी डायरेक्टर कृषि 

  

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