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रामनगर में दिन में बंद रहता है गोदाम। रात में प्राइवेट दुकानों पर बेचा जाता है सरकारी सब्सिडी के गेहूं का बीज
वाईबीएन संवाददाता बरेली।
गेहूं की बुवाई का सीजन शुरू हो चुका है। इसके साथ ही कृषि विभाग के गोदामों पर गेहूं के बीज की कालाबाजारी भी शुरू हो चुकी है। किसानों को सब्सिडी पर मिलने वाले गेहूं समेत रबी फसलों के अन्य बीज को खुले बाजार में बेचकर गोदाम प्रभारी ऊपरी कमाई करने में लगे हैं। ये सब काम कृषि विभाग के अफसर और बाबुओं की सांठगांठ से चल रहा है। अगले एक महीने में गेहूं के बीज की कालाबाजारी में कृषि विभाग के अफसरों को लाखों रुपए की मोटी कमाई होगी। लेकिन, किसान के हाथ में न तो सरकारी सब्सिडी पहुंचेगी, न ही वो अपने खेतों में उन्नतिशील किस्म की प्रजाति के बीज की बुवाई करा पाएंगे।
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दिन में इंचार्ज बंद रखते हैं गोदाम, रात में दुकानदारों को 1150 रुपए प्रति बैग बेचते हैं गेहूं का बीज
कृषि विभाग के मुख्य गोदाम से समस्त ब्लॉकों के कृषि केंद्रों में (प्रति गोदाम 300 बैग की दर से) 4500 बैग गेहूं का बीज कई दिन पहले ही पहुंच चुका है। लेकिन, गोदाम इंचार्ज किसानों को यह कहकर बरगलाने में लगे हैं कि अभी बीज केंद्र पर नहीं आया है। सूत्रों के मुताबिक रामनगर, मझगवा, आलमपुर जाफराबाद, क्यारा, भोजीपुरा, फरीदपुर, भोजीपुरा, बहुत, नबावगंज, बहेड़ी, दमखोदा और मीरगंज समेत सभी 15 केंद्रों पर गोदाम प्रभारी दिन में किसानों को गेहूं सब्सिडी पर न बांटकर प्राइवेट दुकानों पर बेचकर उसकी कालाबाजारी करने में लगे हैं। किसानों को गेहूं के बीज पर 50% सब्सिडी देने का प्रावधान है। मगर, गोदाम प्रभारी 1150 रुपए प्रति बैग तक गेहूं का बीज दुकानदारों को बेचकर मोटी ऊपरी कमाई करने में लगे हैं। रामनगर गोदाम इंचार्ज यज्ञदत्त शर्मा का नाम इनमें सबसे ऊपर है। यज्ञदत्त शर्मा आंवला के रामनगर के साथ ही बदायूं के उझानी में रातोंरात गेहूं के बीज की चोरी करके उसकी कालाबाजारी करने में लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि रामनगर, मझगवा और आलमपुर जाफराबाद कृषि केंद्रों के गेहूं के बीज की कालाबाजारी बदायूं तक की प्राइवेट दुकानों पर रात में हो रही है। पहले से सेट दुकानदार रात में ट्रैक्टर ट्रॉली या डीसीएम लेकर आते हैं और गोदाम से उठा ले जाते हैं। फिर वही बीज किसानों को फूल रेट में बेचा जाता है। किसानों की सब्सिडी भी गोदाम इंचार्ज ही हड़प जाते हैं। गेहूं की कलाबाजारी से होने वाली ऊपरी कमाई का हिस्सा अफसरों तक भी पहुंच रहा है। कृषि विभाग के एक कर्मचारी ने जब गेहूं के बीज की कालाबाजारी का विरोध किया तो उसको आंवला तहसील से हटाकर दूसरी जगह भेजने की धमकी दी गई। कृषि विभाग के एक वाट्सअप ग्रुप पर कर्मचारी और कृषि विभाग के अफसर के बीच इसे लेकर काफी तू तू, मैं मैं भी हुई। कर्मचारी भी अपनी बात पर अड गए। उन्होंने कृषि विभाग के ग्रुप पर डिप्टी डायरेक्टर कृषि को लिख दिया कि अगर आप कल हटाने का मन बनाए हुए है तो आज ही हटा दो। लेकिन, गलत काम नहीं करूंगा। न ही अपने ड्यूटी पर रहते गेहूं के बीज की कालाबाजारी होने दूंगा। फिलहाल, गेहूं के बीज की कालाबाजारी से होने वाली ऊपरी कमाई में सबका हिस्सा है। इसलिए अब इस बात को दबाया जा रहा है।
वर्जन
गेहूं के बीज की कालाबाजारी की जानकारी मुझे नहीं है। मैं गोदामों पर इसकी जांच कराऊंगा। किसी किसान को कोई समस्या है तो वह सीधे मुझे फोन करे। मैं अपना मोबाइल नंबर गोदामों पर लिखवा देता हूं।
अमरपाल, डिप्टी डायरेक्टर कृषि
जनपद बरेली
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