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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
कृषि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर विभागीय अधिकारियों की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसके चलते निचले स्तर पर भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ढेंचा, मक्का, मसूर और धान का बीज खुले बाजार में दुकानदारों को बेचने वाले गोदाम प्रभारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसकी वजह यह है कि कृषि विभाग को चलाने वाली मैडम का हिस्सा बाबू के जरिए उन तक पहुंच चुका है। फिर गोदाम प्रभारियों पर कार्रवाई करे कौन। अब कृषि विभाग के अधिकारियों के पास एक ही काम बचा है। वह है अपने बाबू और गोदाम प्रभारियों को जांच में निर्दोष साबित करना।
जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने जबसे बरेली में डीएओ का पदभार संभाला है, तबसे कृषि विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है। सूत्रों के अनुसार मैडम ने अपने खास बाबू अमित कुमार वर्मा को सिर्फ ऊपरी कमाई करने के मकसद से ही तबादला होने के एक साल बाद भी रिलीव नहीं होने दिया। अमित कुमार वर्मा का तबादला पिछले साल 29 जून को कृषि रक्षा विभाग में हो गया था। उनको रिलीव न करने के लिए जिला कृषि अधिकारी ने बरेली से लेकर लखनऊ तक पूरी पैरवी की। अमित कुमार वर्मा अब तक रिलीव नहीं हुए। कृषि विभाग के सूत्रों की मानें तो अब तक वह किसानों को सरकारी छूट पर मिलने वाली न केवल खाद बल्कि मुफ्त मे मिलने वाले मक्का, ढेंचा मसूर और धान के बीज को भी खुले बाजार में दुकानदारों को बिकवाकर 50 लाख रुपए से ज्यादा की ऊपरी कमाई कर चुके हैं। उसका मोटा लिफाफा मैडम तक पहुंच चुका है। कुछ दिन पहले मैडम ने कृषि बीज गोदाम प्रभारियों की गोपनीय मीटिंग इसीलिए बुलाई थी। इनमें सबसे ज्यादा मोटा माल रामनगर गोदाम इंचार्ज यज्ञदेव शर्मा ने कमाया है। उन्होंने ढेंचा और मक्के का बीज बदायूं के उझानी कस्बे में ले जाकर भेज दिया किसानों को न मक्के के बीज का एक दाना मिला। न ही मिनी किट नसीब हुई। अब गोदाम इंचार्ज धान का बीज भी खुले बाजार में बेचने में लगें हैं। उसकी ऊपरी कमाई भी मैडम तक पहुंचेगी। यह सब गोदाम प्रभारियों की गोपनीय मीटिंग में तय हो चुकी है।