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कृषि विभाग : मक्के का बीज तो खा गए... अब ढैंचे और धान के बीज की बारी

जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने मंगलवार को विकास भवन में गोदाम प्रभारियों की मीटिंग लेकर ढैंचे और धान के बीज को खुले बाजार में बेचकर ऊपरी कमाई की रुपरेखा बनाई

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Sudhakar Shukla
Agriculture Department The corn seeds
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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योगी सरकार ने किसानों को मुफ्त में संकर प्रजाति के मक्के का बीज बांटने के लिए ब्लॉक वार प्रदर्शनी लगाने के निर्देश दिए थे। उसमें किसानों को मक्के का बीज और मिनी किट निशुल्क मिलनी थी। मगर, यह मक्के का बीज किसानों को न बांटकर गोदाम प्रभारी बदायूं के उझानी और बिसौली कस्बे में दुकानदारों को खुले बाजार में बेचकर उसे खा गए। अब ढैंचे और धान के बीज को खुले मार्केट में बेचकर उसे भी खा जाने की तैयारी है। ढैंचे का बीज सभी 15 गोदामों तक पहुंच चुका है। मगर, गोदाम इंचार्ज किसानों से बीज न मिलने की बात कहकर टालमटोल करने में लगे हैं। चार ब्लॉकों पर ढैंचे का बीज किसानों को मुफ्त् में बंटना है। मगर, किसानों को ये नहीं मिलेगा क्योंकि ढैंचे और धान दोनों के उन्नत प्रजाति के बीज खुले बाजार में बेचकर उसकी ऊपरी कमाई में हिस्सा बांट की रणनीति कृषि विभाग के अफसरों ने गोदाम प्रभारियों की गोपनीय मीटिंग करके तय कर दी है।

मंगलवार को विकास भवन में जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने गोदाम प्रभारियों की गोपनीय मीटिंग बुलाई थी। उसमें समस्त गोदाम प्रभारियों से मक्के के बीज का दुकानदारों को बेचने वाला हिसाब लिया गया। सूत्रों के अनुसार समस्त गोदाम प्रभारी गोपनीय मीटिंग में पूरा हिसाब-किताब लिफाफे के साथ लेकर पहुंचे थे। यह लिफाफे डीएओ के खास बाबू (जिनका तबादला कृषि रक्षा विभाग में 29 जून 2024 को हो चुका है। मगर, अब तक वह रिलीव नहीं किए गए हैं।) को चुपचाप दिए गए। उन लिफाफो में क्या था? यह सिर्फ गोदाम प्रभारियों और कृषि विभाग के बाबू को ही पता है। कृषि विभाग के सूत्रों ने बताया कि जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने अपने कक्ष में गोदाम प्रभारियों की गोपनीय मीटिंग ली। इसमें गोदाम प्रभारियों से कहा गया कि जिस तरह मक्के का बीज किसानों को न बांटकर खुले बाजार में दुकानदारों को बेचा गया है। उसी तरह ढैंचे और धान का बीज भी खुले बाजार में दुकानदारों को बेचना है। मक्के के बीज को खुले बाजार में दुकानदारों को बेचने की बात बाहर लीक हुई। मगर, धान और ढैंचे के बीज को बाजार में बेचने की बात लीक नहीं होनी चाहिए। सूत्र के अनुसार मैडम ने सख्त हिदायत दी कि कृषि विभाग की गोपनीय बातें मीडिया में कैसे लीक हो रही हैं। उस कर्मचारी का नाम बताओ तो सख्त कार्रवाई होगी। 

120 कुंतल बीज खुले बाजार में बिका 

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सूत्रों के अनुसार कृषि विभाग में शासन से मक्के की संकर प्रजाति का बीज किसानों को मुफ्त में बांटने के लिए पांच फरवरी 2025 को आया था। मगर, यह बीज किसानों को न बांटकर गोदाम प्रभारियों ने खुले बाजार में बेच दिया। बताया जाता है कि रामनगर गोदाम प्रभारी यज्ञदेव शर्मा ने 20 कुंतल मक्के का बीज बदायूं के उझानी कस्बे में और मझगवां गोदाम प्रभारी सुनील कुमार इतना ही मक्के का बीज बिसौली के बाजार में दुकानदारों को बेचा। बीज की कालाबाजारी से मिलने वाली धनराशि का डीएओ दफ्तर और डिप्टी डायरेक्टर कृषि कार्यालय में एक निश्चित अनुपात में बंटवारा कर दिया गया। 

 किसानों को यही बीज मिलेगा  750 रुपये किलो 

एक गोदाम प्रभारी के अनुसार शासन से किसानों को मक्के की जिस संकर प्रजाति का बीज मुफ्त में देने के लिए मिला था। उसे खुले बाजार में 280 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा गया। कुल 120 कुंतल मक्के का बीज खुले बाजार में बेचने से 3़36 लाख रुपये की आमदनी हुई। इस बीज के साथ किसानों को मिनी किट भी मिलनी थी। यह मिनी किट भी किसानों को नहीं दी गई। दोनों से होने वाली ऊपरी आमदनी 15 लाख से अधिक अनुमानित है। इसका हिस्सा-बंटवारा नीचे से ऊपर तक होना है।     

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