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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी अपने गोदाम इंचार्जों पर भड़क गई। इसकी वजह यह थी किकिसानों को मिलने वाली मिनी किट और मक्के के बीज खुले बाजार में दुकानदारों को बेचने के बाद ढेंचा और धान के उन्नतशील बीज बेचने की गोपनीय प्लानिंग लीक हो जाना। मैडम ने 14 गोदाम प्रभारियों को पहले तो फोन करके हड़काया। फिर अपने ऑफिस बुलाकर उनके मोबाइल नंबर चेक किए। एक गोदाम इंचार्ज मीटिंग में आया नहीं था तो वह बच गया।
जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी और उनके खास बाबू अमित कुमार वर्मा (जिनका ट्रांसफर 22 साल बाद बमुश्किल 29 जून 2024 को कृषि रक्षा विभाग में हो पाया। लेकिन दस महीने बाद भी वह रिलीव नहीं हुए। ) ने पांच फरवरी 2025 को किसानों को मुफ्त मे बांटने के लिए मिलने वाली मिनी किट, जिसमें ज्वार, बाजरा, सरसों, तिल आदि के बीज थे, और संकर प्रजाति के मक्के का बीज ज्यादातर गोदाम प्रभारियों से खुले बाजार में बिकवा दिया। बीज की कालाबाजारी से होने वाली उपरी कमाई भी नीचे से ऊपर तक बंट गई। रामनगर बीज गोदाम इंचार्ज उझानी और मझगवा गोदाम इंचार्ज बिसौली बदायूं में ये बीज दुकानदारों को 280 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बीस बीस क्विंटल बीज बेच आए। ये बीज प्राइवेट दुकानों पर अब दुकानदारों को 7.50 रुपए प्रति किलो मिलेगा।
इसके बाद अब ढेंचे और धान का बीज किसानों को मुफ्त में प्रदर्शनी लगाकर बंटना है। ये बीज भी गोदाम प्रभारियों से मिलकर खुले बाजार में बेचने की तैयारी है। उन्नतशील धानऔर ढ़ेंचे के बीज की कालाबाजारी में तीस से चालीस लाख का खेल है। कृषि विभाग के अफसर, बाबू और गोदाम इंचार्ज सब मिलकर ये खेल खेल रहे हैं।
बचे हुए बीज को खुले बाजार में दुकानदारों को बेचने के लिए मंगलवार को जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने गोदाम प्रभारियों की गोपनीय मीटिंग बुलाई थी। 15 में से 14 गोदाम इंचार्ज इस मीटिंग में पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक उसमें मक्के के बीज की कालाबाजारी की चीजें निपटाने और धान और ढेंचा का बीज किसानों को न देकर उसे खुले बाजार में बेचने की रणनीति बनाई गई। ये बात मीडिया में लीक हो गई। बस, फिर जिला कृषि अधिकारी को गुस्सा आना लाजिमी था।
जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने गोदाम प्रभारियों से पूछा कि गोपनीय मीटिंग की बात कैसे लीक हुई। तुममें से विभीषण कौन है। जो कृषि विभाग की गोपनीय जानकारी लीक करता है। उस पर सख्त कार्रवाई होगी। एक गोदाम इंचार्ज का मोबाइल भी चेक किया गया। बहरहाल, मक्के के बाद अब ढेंचे और धान के उन्नतशील बीज को खुले बाजार में बेचने की रणनीति कृषि विभाग में बन चुकी है। किसानों को कुछ भी नहीं मिलने वाला। ... धान, ढेंचा और मक्के के उन्नतशील बीज के बेचने से होने वाली ऊपरी आमदनी कृषि विभाग के बाबू और अफसरों की जेब में जानी तय है।
सूत्रों के अनुसार जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने मुरादाबाद में जिला कृषि अधिकारी और डिप्टी डायरेक्टर कृषि के चार्ज पर रहकर वहां की निष्क्रिय सहकारी समितियों को रातों रात सक्रिय बनाकर बड़ा घपला किया था। तत्कालीन डीएम की जांच में ये घपला सही पाया गया था। मगर, कृषि निदेशालय के भ्रष्ट बाबू और अफसरों ने अपनी जांच में वो सब मामले ठंडे बस्ते में डाल दिए। और इनको बरेली में जिला कृषि अधिकारी का चार्ज दे दिया।