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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
एसआईटी ने ठग बंधुओं शशिकांत व सूर्यकांत की कंपनी के खातों को सीज करा दिया है। इसके साथ ही आरोपी निदेशकों पर चेक बाउंस होने के और भी केस दर्ज करने का इंतजाम हो गया है। सच्चाई ये है कि कंपनी के जिन व्यावयासिक खातों में करोड़ों की रकम रहती थी, वहां अब चिल्लर बाकी रहने जैसा हाल है।
अमर ज्योति यूनिवर्स निधि लिमिटेड के निदेशक शशिकांत, उसके मास्टर माइंड भाई सूर्यकांत मौर्य व तीसरे भाई श्रीकांत समेत परिवार के लोगों ने करोड़ों रुपये समेटकर भागने की योजना को काफी सूझबूझ से अंजाम दिया था। उन्होंने करीबियों, रिश्तेदारों व बड़े निवेशकों को आखिरी वक्त तक यही दिलासा दी कि वह उनका रुपया उन्हें हर हाल में ब्याज समेत सौंपेंगे। बड़े निवेशकों को भरोसा नहीं हुआ तो ठग बंधुओं ने उन्हें चेक सौंप दिए। उदाहरण के तौर पर सूर्यकांत ने अपने साढ़ू संतोष मौर्य को उनके ढ़ाई करोड़ बकाया की जगह डेढ़ करोड़ का ही एक चेक दे दिया। उनसे कहा कि सप्ताह भर रुककर वह चेक को बैंक में लगाएं।
ऐसा ही चेक इनके कर्मचारी हेमेंद्र ने भी निवेशकों को दिया। जब सूरज व अन्य निवेशकों ने चेक लगाए तो सर्व यूपी ग्रामीण बैंक शाखा नवादा में शशिकांत के खाते में केवल 1386 रुपये मिले। इसी तरह कंपनी के एचडीएफसी बैंक शाखा के खाते में करीब चार हजार, बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में छह सौ रुपये ही बकाया थे। जबकि महीने भर पहले तक इन चालू खातों में कई करोड़ रुपये जमा थे।
- अब तक लिखित शिकायतें करने से बच रहे अमर ज्योति के बड़े निवेशकों की रही सही उम्मीद भी अब खत्म हो चुकी है। उनका कहना है कि सारा रुपया आरोपियों ने पहले ही निकाल लिया है, ऐसे में उन्हें दिए गए लाखों रुपये के चेक केवल कागज के टुकड़े भर रह गए हैं। निवेशक इन मामलों में संबंधित बैंकों से चेक बाउंस होने की रिपोर्ट लेने में लगे हैं। वह अब जल्दी ही तहरीर के साथ चेक बाउंस होने की रिपोर्ट भी अधिकारियों को सौंपेंगे। इन मामलों में धोखाधड़ी की रिपोर्ट अलग से दर्ज कराई जाएगी।