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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। उत्तराखंड पुलिस के खिलाफ फतेहगंज पश्चिमी इलाके के लोगों का गुस्सा लावा बनकर फूटने लगा है। मंगलवार को आठ महिलाओं की ओर से फतेहगंज पश्चिमी थाने में तहरीर दी गई, जिसमें उत्तराखंड पुलिस पर दबिश के दौरान मारपीट और तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया गया है। बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने इस मामले की जांच सीओ हाईवे को दी है।
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के एसपी मणिकांत मिश्रा ने सोमवार तड़के करीब 300 पुलिस कर्मियों के साथ बरेली के फतेहगंज पश्चिमी कस्बे में दबिश दी थी। इस दौरान उत्तराखंड पुलिस ने 16 लोगों को पकड़ा था, जिनमें 15 को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। मगर कोई बड़ा तस्कर पुलिस के हाथ नहीं आया। उत्तराखंड पुलिस ने इसका गुस्सा बुजुर्गों, महिलाओं और निर्दोष लोगों पर उतारा। आरोप है कि पुलिस ने स्थानीय लोगों से अभद्रता और उनके घरों में तोड़फोड़ की। उनके घर की महिलाओं ने उत्तराखंड पुलिस पर आरोप लगाकर फतेहगंज पश्चिमी थाने में शिकायत की है।
मंगलवार को आठ महिलाएं फतेहगंज पश्चिमी थाने पहुंची और तहरीर देकर उत्तराखंड पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इनमें फतेहगंज पश्चिमी के मोहल्ला सराय निवासी नाजिरा की तहरीर भी शामिल है। नाजिरा का कहना है कि पुलिस जबरन गेट तोड़कर उनके घर में घुस गई और जब कुछ नहीं मिला तो उसके पति नईम, देवर वसीम और बेटे मुशीर को पकड़कर ले गई। वहीं की रहने वाली अल्लाह रख्खी ने बताया कि उनके बेटे जाकिर हुसैन को भी पुलिस जबरन घर से ले गई थी।
फतेहगंज पश्चिमी कस्बे के वार्ड 13 निवासी नन्हीं के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस गालियां देते हुए घर में घुसी और उनके बेटे आलम को उठाकर ले गई। उसी वार्ड की सुनीदा ने बताया कि 10 मार्च की सुबह पुलिस गेट तोड़कर उनके घर में घुसी और सारा सामान फेंक दिया। उनके बेटे को दानिश को जबरन गाड़ी में डालकर ले गई। यही अगरास निवासी प्रमोद कुमार, नीरज कुमार और रोशन लाल के साथ किया गया। इन सभी ने फतेहगंज थाने में तहरीर देकर उत्तराखंड पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है
महिलाओं का कहना है कि जिन लोगों को उत्तराखंड पुलिस ने पकड़ा था उनके खिलाफ किसी तरह का कोई मुकदमा दर्ज नहीं है, और न ही वे लोग किसी तरह के अपराध में शामिल रहे हैं। फिर उनके साथ इस तरह का गलत बर्ताव क्यों किया गया। उत्तराखंड पुलिस को इसका जवाब देना होगा।
बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि फतेहगंज पश्चिमी थाने में आठ लोगों ने तहरीर दी है। उन्होंने उत्तराखंड पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले की जांच सीओ हाईवे को दी गई है। यह पूरा मामला शासन और उच्च अधिकारियों की जानकारी में है। उनके निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।