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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
पशुपालन विभाग, जनपद बरेली द्वारा एक दिवसीय बायोवेस्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला विकास अधिकारी श्री दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में जैव चिकित्सा अपशिष्टों के उचित प्रबंधन और निस्तारण पर विस्तार से चर्चा की गई। डा. के. पी. सिंह (पशु चिकित्सा अधिकारी), श्री पी. सी. कनौजिया (उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), श्री हर्ष कपूर (निदेशक, एनविराड मेडिकेयर प्रा. लि.), डा. ओ. पी. वर्मा (उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, नोडल अधिकारी) एवं श्री सुनील सिंह चौहान (सहायक वैज्ञानिक, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बरेली) ने जैव चिकित्सा अपशिष्टों के वर्गीकरण एवं उचित निस्तारण की प्रक्रिया पर महत्वपूर्ण जानकारी दी।
बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश
पीला कंटेनर – खराब औषधियां, पशुओं के ऊतक, प्रयोगशाला अपशिष्ट।
लाल कंटेनर – प्लास्टिक बोतलें, सिरिंज, ग्लब्स आदि।
नीला कंटेनर – वायल्स, टूटे ग्लास, एम्पुल्स।
सफेद कंटेनर – नीडिल, ब्लेड, फिक्स्ड सिरिंज नीडिल।
नामित एजेंसियों द्वारा इन अपशिष्टों को 24 से 48 घंटे के भीतर एकत्रित कर संयंत्र में ले जाकर उनका वैज्ञानिक निस्तारण किया जाता है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनमोहन पांडेय ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया। इस अवसर पर जनपद के समस्त उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी, वेटनरी फार्मासिस्ट, पशुधन प्रसार अधिकारी एवं पैरावेट उपस्थित रहे।