/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/30/1000064092-2025-06-30-12-24-03.jpg)
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार 30 जून को यूपी के बरेली जिले में स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) पहुंचीं। यहां उन्होंने आईवीआरआई के 11वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेकर 24 छात्रों को पीएचडी की उपाधि और स्वर्ण पदक प्रदान किए। समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने वैज्ञानिकों के कार्यों की सराहना की और पशु स्वास्थ्य, टिकाऊ खेती और जैव विविधता के संरक्षण पर जोन दिया।
राष्ट्रपति का विमान सुबह 9:50 बजे बरेली स्थित त्रिशूल एयरबेस पर उतरा। जहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका भव्य स्वागत किया। त्रिशूल एयरबेस से राष्ट्रपति मुर्मू सीधे आईवीआरआई परिसर स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित दीक्षांत समारोह में पहुंचीं। जहां उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति ने द्वीप प्रज्जवलित कर दीक्षांत समारोह आरंभ कराया।
राष्ट्रपति ने 24 मेधावियों को स्वर्ण पदक और पीएचडी की उपाधि प्रदान की
दीक्षांत समारोह के अवसर पर राष्ट्रपित मुर्मू ने कहा, “मैं जिस परिवेश से आती हूं, वह प्रकृति के अत्यंत निकट है। हमारे लिए पशु केवल साधन नहीं हैं, वे जीवन का एक हिस्सा हैं। मुझे ‘पशु’शब्द कभी-कभी असहज करता है, क्योंकि वे हमारे जीवन धन हैं। बचपन में जब कोई संसाधन नहीं थे, तब यही पशु हमारे सहायक थे।”देश की पशु चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत बनाने में आईवीआरआई की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने वैज्ञानिकों को गिद्ध संरक्षण, लंपी वायरस वैक्सीन और टिकाऊ पशुपालन के क्षेत्र में योगदान के लिए धन्यवाद दिया। दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 24 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक और पीएचडी की उपाधि प्रदान की।
नियमित रूप से आयोजित हों पशु आरोग्य मेले
राष्ट्रपति ने पशुओं के लिए टीकाकरण की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संक्रमण और रोगों की रोकथाम के लिए समय पर टीकाकरण सबसे बड़ा हथियार है, और इसमें आईवीआरआई जैसे संस्थानों की भूमिका सराहनीय है। राष्ट्रपित ने सुझाव दिया कि “पशु आरोग्य मेलों” का आयोजन नियमित रूप से होना चाहिए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालकों को जागरूकता के साथ चिकित्सा सुविधा भी मिल सके।
केंचुओं के साथ कम हो रही जमीन की उर्वरता
इसके साथ ही राष्ट्रपति ने बढ़ती जैविक असंतुलन पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि “जमीन से केंचुआ खत्म हो रहा है, जिससे भूमि की उर्वरता कम हो रही है। इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। हमें प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर चलना होगा।”
बरेली भारत की पौराणिक नगरी है: मुख्यमंत्री
आईवीआरआई के दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में बरेली के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बताया। उन्होंने कहा, “यह भारत की पौराणिक नगरी है, जिसे महाभारत काल में पांचाल देश के रूप में जाना जाता था। यहां सात प्राचीन महादेव मंदिर हैं, जिन्हें हम‘नाथ कॉरिडोर’के रूप में विकसित कर रहे हैं। यह परियोजना सांस्कृतिक पर्यटन को नया आयाम देगी।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईवीआरआई की वैज्ञानिक उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि “कोरोना काल में आईवीआरआई ने अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लंपी वायरस जैसी बीमारी के लिए वैक्सीन विकसित कर उन मूक पशुओं की आवाज बनी, जो खुद अपनी पीड़ा नहीं बता सकते। वैज्ञानिकों ने अन्नदाताओं के जीवन में बदलाव लाने का कार्य भी किया है।”
पशुपालन नीति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ने का समय है
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों ने ही यह स्पष्ट किया कि देश की कृषि और पशुपालन नीति को अब वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ने का समय आ गया है। वैज्ञानिक अनुसंधान, जैव विविधता की रक्षा, जलवायु अनुकूल खेती और पशु स्वास्थ्य सेवाएं आने वाले वर्षों में ग्रामीण भारत की रीढ़ बनने जा रही हैं। राष्ट्रपति मुर्मू के दौरे से इस दिशा में एक सकारात्मक संदेश गया है कि सरकार और विज्ञान संस्थान ग्रामीण और पशुपालन से जुड़े मुद्दों पर गंभीर हैं।
बरेली में 40 मिनट रहीं राष्ट्रपति मुर्मू
सुबह 9:50 बजे: त्रिशूल एयरबेस, बरेली पहुंचीं
सुबह 10:10 बजे: आईवीआरआई दीक्षांत समारोह में पहुंचीं
सुबह 11:10 बजे: त्रिशूल एयरबेस के लिए रवाना
सुबह 11:30 बजे: गोरखपुर के लिए विशेष विमान से प्रस्थान