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कृषि विभाग : किसानों को मुफ्त में बांटने के लिए मक्के का बीज आया, गोदाम इंचार्जों ने बेच खाया

किसानों को मुफ्त में बांटने के लिए मिलने वाले मक्के के बीज के 11 ब्लॉकों में एक-एक एकड़ के खंड प्रदर्शन लगने थे। गोदाम इंजार्चों ने पूरा बीज खुले बाजार में बेच डाला

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Sanjay Shrivastav
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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता

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जायद फसलों में त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम के अंतर्गत जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी की तरफ से किसानों को मुफ्त में प्रदर्शन के लिए संकर प्रजाति के मक्के का बीज राजकीय बीज भंडारों पर भेजा गया था। राजकीय बीज भंडार के गोदाम इंचार्जों ने जिला कृषि अधिकारी और डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय के घपलेबाज बाबू के साथ सांठगांठ करके पूरा मक्के का बीज खुले बाजार में 280 रुपए प्रति क्वंटल की दर से 120 कुंतल बीज दुकानदारों को बेच डाला। किसी किसान को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। 

रबी, खरीफ और जायद फसलों की उन्नत खेती के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर किसानों को मुफ्त में अत्याधुनिक प्रजातियों का बीज वितरित करती है। ताकि किसानों की आय दो गुनी हो सके। मगर, कृषि विभाग के अफसर और बाबू सरकार की मंशा को दरकिनार करके बीज को खुले बाजार में दुकानदारों को बेचकर उस रकम से अपना घर भरने में लगे हैं। जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने पांच फरवरी 2025 को क्षेत्रीय प्रतिनिधि मैसर्स हिल इंडिया लिमिटेड (एचआईएल) दिल्ली को एक पत्र लिखा था। उसमें अपर निदेशक कृषि बीज एवं प्रक्षेत्र का हवाला देकर कहा गया था कि जायद 2025 में त्वरित विकास कार्यक्रम के अंतर्गत संकर प्रजाति के मक्का बीज के लक्ष्यों को आपूर्ति करें। इसके तहत बरेली के 11 ब्लाकों में 1500 प्रदर्शन लगाकर 120 कुंतल बीज और इनके साथ मिलने वाला निवेश 2400 रुपये किसानों को दिया जाना था। मगर, बरेली के समस्त 11 राजकीय गोदाम प्रभारियों ने डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय के कार्यरत बाबू, जो आईजीआरएस का पटल भी देखता है, और जिला कृषि अधिकारी कार्यालय के बाबू  (जिला कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय में दस महीने पहले स्थानांतरित ) की सांठगांठ से मक्के का बीज खुले बाजार में दुकानदारों को बेचकर उससे होने वाली ऊपरी कमाई का बंदरबांट कर लिया।

नीचे से ऊपर तक पहुंचा सबका हिस्सा

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सूत्रों के अनुसार कृषि विभाग के अफसरों ने गोपनीय मीटिंग करके पहले ही तय कर लिया था कि त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम के तहत किसानों को मुफ्त में मिलने वाले मक्के के बीज को खुले बाजार में ही दुकानदारों को बेचा जाएगा। उसकी एक निश्चित अनुपात में यह धनराशि गोदाम प्रभारी, दोनों बाबू और अफसरों के बीच में वितरित की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी आंवला के एक गोदाम प्रभारी को सौंपी गई थी। उस गोदाम ने अपने काम को बखूबी अंजाम देकर किसानों को मुफ्त में बिकने वाले मक्के के बीज को खुले बाजार में बेच दिया। आंवला गोदाम प्रभारी के पास 250 प्रदर्शन थे। इनके पास कुल 20 कुंतल मक्के का बीज पहुंचा। उस बीज को गोदाम प्रभारी रामनगर के बाजार में बेचकर पूरा खा गए। बाकी बीज का हिस्सा-बंटवारा ऊपर तक किया गया। 

किस ब्लॉक में कितना मक्के का बीज वितिरत होना था: 

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ब्लाॅक का नाम        प्रदर्शन संख्या   बीज मात्रा कुंतल में   मक्का सामान्य वितरण     कुल योग 

मझगवां                     200                     16                            4                       20

आलमपुर जाफराबाद   250                     20                            5                       25

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रामनगर                     250                     20                           5                        25

भुता                          100                     8                             2                         10 

फरीदपुर                    100                     8                             2                         10 

क्यारा                        150                     12                           3                         15

बिथरी चैनपुर              100                      8                            2                        10 

भोजीपुरा                    100                     8                            2                         10

शेरगढ़                       50                        4                            1                          5

बहेड़ी                         100                    8                             2                         10

भदपुरा                      100                    8                               2                        10 

कुल योग                    1500                  120                       30                          150 

वर्जन 

मक्के का बीज राजकीय गोदामों पर पांच फरवरी को भेजा गया था। यह किसानों को मुफ्त में मिलना था। मेरे पास अब तक किसी किसान ने बीज नहीं मिलने की शिकायत नहीं की है। जब करेंगे तो देखेंगे।         

ऋतुषा तिवारी, जिला कृषि अधिकारी बरेली

Agriculture Department
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