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बरेली, वाईबीएन सवांददाता
बिशारतगंज थाना क्षेत्र में स्थित एथेनॉल फैक्ट्री में टेस्टिंग के दौरान फर्मेंटेशन टैंक में ओवरहीटिंग से सोमवार सात अप्रैल 2025 को हुए हादसे से पूरा इलाका दहल गया था। विस्फोट इतना तीव्र हुआ कि टैंक की कैप करीब 500 मीटर दूर खेत में जाकर गिरी थी। एथेनॉल फैक्ट्री में आग लगने से अलीगंज थाना क्षेत्र के गांव पांडी निवासी 28 वर्षीय आदेश यादव और चंद्रहाश बुरी तरह झुलस गए थे। दोनों को तत्काल बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 12 अप्रैल की रात आदेश यादव की मौत हो गई थी।
एथेनॉल प्लांट के विस्फोट में झुलसे दूसरे मजदूर चंद्रहाश की हालत भी पहले दिन से गंभीर बनी हुई है। उनका शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। जहां रविवार 13 अप्रैल की रात चंदहाश ने भी दम तोड़ दिया। इसका पता लगने पर परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों के मुताबिक चंद्रहाश पांच भाइयों में सबसे छोटा था। उसकी शादी नहीं हुई थी। बिशारतगंज थाना प्रभारी सतीश कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। परिजनों की ओर से अभी कोई तहरीर नहीं दी गई है।
एथेनॉल फैक्ट्री प्रबंधन से हो चुका है समझौता
एथेनॉल फैक्ट्री प्रबंधन ने हादसे में झुलसे दोनों युवकों आदेश और चंद्रहास के परिवार वालों से समझौता कर लिया था। फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से आदेश के परिवार वालों को 17 लाख रुपये बतौर मुआवजा दिए गए। इतनी ही रकम चंद्रहास के परिजनों को दी गई। इसलिए मृतकों के परिजनों की ओर से कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।
बिशारतगंज स्थित एथेनॉल फैक्ट्री में जिले के एक प्रतिनिधि की पार्टनरशिप है। विपक्षी दलों के नेता इस हादसे को मुद्दा बना पाते इससे पहले फैक्ट्री प्रबंधन ने मृतकों के परिजनों से समझौता कर लिया। फैक्ट्री में जन प्रतिनिधि की पार्टनरशिप होने की वजह से प्रशासन भी पंगा लेने से बच रहा है। शायद यही वजह है कि हादसे में लापरवाही की जांच और फैक्ट्री की सुरक्षा मानकों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
बताते हैं कि बिशारतगंज स्थित एथेनॉल फैक्ट्री में अच्छी खासी संख्या में कर्मचारी काम करते थे। इनमें ज्यादातर बिहार के रहने वाले हैं। फर्मेंटेशन टैंक फटने के समय दिन की शिफ्ट वाले कर्मचारी फैक्ट्री परिसर में मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक हादसे की चपेट में कुछ अन्य कर्मचारी भी आए थे। मगर उनके बारे में न तो प्रशासन कुछ बोल रहा, और न ही फैक्ट्री प्रबंधन।