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आरिफ ने नाम बदलकर बनवाए कई पासपोर्ट, आतंकी नेटवर्क का शक, खुफिया एजेंसियां जांच में जुटीं

रामपुर जनपद के भोट थाना क्षेत्र के गांव तालबपुर निवासी आरिफ खान ने अलग-अलग नाम कई पासपोर्ट बनवाए। मामला पकड़ में आने पर उस पर एफआईआर दर्ज करा दी गई। अब खुफिया एजेंसियां इस बात को लेकर जांच कर रही हैं कि आरोपी किसी आतंकी नेटवर्क में तो नहीं आ गया। 

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Sanjay Shrivastav
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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फर्जी पासपोर्ट बनवाने का एक बड़ा मामला सामने आया है। रामपुर जनपद के भोट थाना क्षेत्र के गांव तालबपुर निवासी आरिफ खान ने अलग-अलग नाम और जन्मतिथि के जरिए कई पासपोर्ट बनवाए। यह मामला पकड़ में तब आया जब उसने चौथी बार किए आवेदन में 16 साल का अंतर दर्शाया। एफआईआर दर्ज होने का पता लगने पर आरोपी घर से फरार हो गया है। अब खुफिया एजेंसियां इस बात को लेकर जांच कर रही हैं कि आरोपी किसी आतंकी नेटवर्क में तो नहीं आ गया। 

जून 2011 में बना था आरिफ का पहला पासपोर्ट

आरिफ खान पुत्र अहमद अली ने 1 जून 2011 को बरेली स्थित रीजनल पासपोर्ट कार्यालय से पहला पासपोर्ट बनवाया। उस वक्त उसने अपना नाम आरिफ खान और जन्मतिथि 15 जनवरी 1983 दर्ज कराई थी। विभागीय जांच में उसका आधार कार्ड, पता और प्रमाण पत्र समेत सभी दस्तावेज सही पाए गए थे। यह पासपोर्ट 31 मई 2021 तक वैध रहा। इस दौरान उस पर किसी को कोई शक नहीं हुआ।

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 मार्च 2021 कराया पहले पासपोर्ट का नवीनीकरण

पासपोर्ट की अवधि पूरी होने पर आरिफ ने 10 मार्च 2021 को आरिफ ने अपने पहले पासपोर्ट का नवीनीकरण कराया। नवीनीकरण प्रक्रिया भी पुराने रिकॉर्ड के आधार पर बिना किसी हेरा-फेरी के पूरी हो गई। इस नए पासपोर्ट की वैधता 10 मार्च 2031 तक बढ़ा दी गई थी।

13 मार्च 2023 को जारी हुआ दूसरा फर्जी नाम का पासपोर्ट 

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आरिफ ने साल 2023 में फर्जीवाड़ा शुरू किया। इस बार उसने आवेदन में अपना नाम बदलकर आलिम पुत्र अहमद अली और जन्मतिथि 15 मार्च 1999 दर्शायी। आधार कार्ड, पते और अन्य दस्तावेज बदलकर प्रस्तुत किए। खास बात है कि विभागीय जांच में भी उसके दस्तावेजों को सही करार दे दिया गया। इतना ही नहीं 13 मार्च 2023 को उसे फर्जी नाम से दूसरा पासपोर्ट जारी कर दिया गया। उसकी पिछली पहचान का मिलान सिस्टम से भी नहीं हो पाया।

चौथी बार आवेदन करने पर खुला फर्जीवाड़ा

आरोपी आरिफ ने चौथी बार ने चौथी बार नई जन्मतिथि और पहचान के साथ पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया। मगर चौथी बार में वह पकड़ा गया। विभाग ने रिकॉर्ड से मिलान करने पर उसका फर्जीवाड़ा सामने आ गया। जांच में 16 साल का अंतर साफ दिखाई दिया, जिससे पूरा खेल सामने आ गया। इससे उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया।

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रामपुर के भोट थाने में आरिफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज

फर्जीवाड़ा सामने आने पर रीजनल पासपोर्ट ऑफिस बरेली के अधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने रामपुर एसपी को आरोपी आरिफ के खिलाफ विस्तृत रिपोर्ट भेजी। जिसके आधार पर रामपुर जिले के भोट थाने में आरिफ के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों के उपयोग और पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

एफआईआर के बाद फरार हुआ आरोपी, खुफिया एजेंसियां अलर्ट

एफआईआर दर्ज होने का पता चलते ही आरिफ फरार हो गया। पुलिस ने उसकी तलाश में संभावित स्थानों पर दबिश दी। साथ ही खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। आरिफ ने नाम बदलकर पासपोर्ट क्यों बनवाया। कहीं वह किसी आतंकी संगठन के संपर्क में तो नहीं है। इन सभी बिंदुओं पर आरिफ के खिलाफ जांच चल रही है।

बड़ा सवाल, कैसे बन गया आरिफ का फर्जी पासपोर्ट 

आरिफ जिस तरह से पहचान बदलकर लगातार पासपोर्ट बनवाता रहा और सिस्टम उसे पकड़ नहीं पाया। यह पासपोर्ट विभाग की लापरवाही को भी उजागर करता है। सवाल उठ रहे हैं कि आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और पते के वेरिफिकेशन के बावजूद इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे नजरअंदाज हो गई?

नियमित जांच के दौरान पकड़ी गई गड़बड़ी

बरेली रीजनल पासपोर्ट अधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने का कहना है कि नियमित जांच के दौरान गड़बड़ी का पता चला। तत्काल पूरे मामले की सूचना एसपी रामपुर को दे दी गई। आरोपी ने नाम और पहचान बदलकर पासपोर्ट बनवाए। आरोपी के खिलाऊ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। 

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