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डीएम ने गैंगस्टर अभियुक्त समेत दो लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। इसके अलावा करीब चार अन्य लोगों के भी शस्त्र लाइसेंसों के विरुद्ध कार्रवाई चल रही है। जिन लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त हुए हैं, उनमें फरीदपुर का गैंगस्टर बहार अली और विशारतगंज थाना क्षेत्र के शिव नरायन हैं। शिव नरायन बिना नवीनीकरण के 10 साल से अवैध रूप से शस्त्र (बंदूक) रख रहे थे।
बताया जा रहा है कि फरीदपुर कस्बे के मोहल्ला महादेव निवासी बहार अली के नाम रायफल का लाइसेंस था। इस पर वर्ष 2019 में हुए विवाद में लाइसेंसी रायफल से इरशाद अली को गोली मारने का आरोप है। इस प्रकरण में 10 जुलाई 2019 को बदायूं जिले के थाना दातागंज में एफआईआर हुई थी। इसमें बहार अली भी नामजद है। आरोपी बहार अली का शस्त्र लाइसेंस और रायफल दातागंज थाने में दाखिल है। वह वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार बदायूं में निरुद्ध है। प्रभारी निरीक्षक थाना फरीदपुर ने बहार अली के शस्त्र लाइसेंस को निरस्त करने की सिफारिश की थी। जिसके आधार पर डीएम कोर्ट में वाद दायर हुआ था। बहार अली फरीदपुर थाने का गैंगेस्टर है। इसके विरुद्ध फरीदपुर थाने में एनडीपीएस एक्ट के तीन मुकदमे दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि शस्त्र धारक बहार अली का एक लंबा आपराधिक इतिहास है। वह रायफल पर जारी कारतूस की जानकारी भी डीएम कोर्ट को नहीं दे पाया। जिस पर डीएम न्यायालय ने उसके शस्त्र धारक का शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने का आदेश पारित किया है। इसी तरह शस्त्र लाइसेंस से जुड़े चार और मामलों पर डीएम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। बताया जा रहा है कि जिन पर जल्द ही अंतिम कार्रवाई होने की उम्मीद जताई जा रही है।
विशारतगंज थाना क्षेत्र के ढका गांव के शिव नरायन का भी शस्त्र लाइसेंस निरस्त हो गया है। इन्हाेंने अपनी बंदूक के लाइसेंस का तीन मार्च 2016 से नवीनीकरण नहीं कराया था, जबकि उनके लाइसेंस के नवीनीकरण की वैधता तीन मार्च 2015 को ही खत्म हो गई थी। इस तरह वह अवैध रूप से बंदूक रख रहे थे। अब इनकी बंदूक थाने पर जमा है। एसएसपी ने डीएम से शिव नरायन की बंदूक का लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की थी। सुनवाई के दौरान डीएम कोर्ट में शिव नरायन ने बताया था कि उनका शस्त्र लाइसेंस कहीं गुम हो गया है, कारतूस खरीद के बारे में उसे जानकारी नहीं है। इसके बाद वह डेढ़ साल तक पेशी पर लगातार गैर हाजिर होते रहे। जिस पर उनकी बंदूक के लाइसेंस को डीएम कोर्ट ने निरस्त करने का आदेश पारित कर दिया है।