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बरेली में हरेला महोत्सव
आईएमए हाल में धूमधाम से मना सातवां विश्व हरेला महोत्सव
वाईबीएन संवाददाता
बरेली। पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए बरेली में हरेला महोत्सव मनाया गया। पर्वतीय समाज की तरफ से हुए इस हरेला महोत्सव में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
विश्व हरेला महोत्सव परिवार की ओर से रविवार को आईएमए भवन के सभागार में सातवां विश्व हरेला महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और जनचेतना का विस्तार करना रहा। आयोजन की शुरुआत वृक्षाबंधन रैली और नि:शुल्क कॉटन बैग वितरण से हुई। मुख्य अतिथि राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)समाज कल्याण विभाग असीम अरुण ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। इस अवसर पर अखिल भारतीय पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के संयोजक गोपाल आर्य मुख्य वक्ता रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रुविवि के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने की, जबकि वन व पर्यावरण राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार और महापौर डॉ. उमेश गौतम, कैंट विधायक संजीव अग्रवाल, बिथरी चैनपुर विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा, डॉ. विनोद पागरानी अति विशिष्ट अतिथि के रूप में थे।
प्रकृति को संरक्षण में हरेला महोत्सव की पहल सराहनीय
मुख्य अतिथि राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)समाज कल्याण विभाग असीम अरुण ने संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड समाज की ओर से पर्यावरण संरक्षण के उत्सव के रुप में हरेला महोत्सव के जरिए प्रकृति संरक्षण की अलख जाने के लिए उत्तराखंड समाज बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि कन्नौज और बरेली में वन्य क्षेत्र को चयनित कर उस निर्धारित क्षेत्र में बंदर समेत अन्य पशुओं को स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ देना चाहिए। ऐसा करने मात्र से ही हम प्रकृति के प्रति किए गए जाने-अन्जाने में किए गए पापों का प्रायश्चित किया जा सकता है। अखिल भारतीय पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के संयोजक गोपाल आर्य ने कहा कि भारत माता की जय बोलने से पहले हमें यह सोचना होगा कि जिस भारत को ‘सोने की चिड़िया’ कहा गया, आज वहां पेड़ों की संख्या कितनी रह गई है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रति व्यक्ति 420 पेड़ होने चाहिए, जबकि वर्तमान में देश में औसतन 28 पेड़ ही हैं। दिल्ली जैसे महानगरों में स्थिति और भी गंभीर है, जहां तीन व्यक्तियों पर एक पेड़ है। बरेली में भी प्रति व्यक्ति पेड़ों की संख्या अपेक्षा से बहुत कम है। भगवान कृष्ण के जीवन से हमें पर्यावरण संरक्षण का विशेष संदेश मिलता है। कथा के अनुसार कृष्ण ने यमुना को प्रदूषित करने वाले कालिया नाग का दमन किया था। यह केवल धार्मिक प्रसंग नहीं, बल्कि जल प्रदूषण और जल संरक्षण के महत्व का प्रतीक है। आज जब नदियां, तालाब और जलाशय प्रदूषण से जूझ रहे हैं, तब हर नागरिक को कृष्ण की तरह ‘प्रकृति रक्षक’ बनने की आवश्यकता है। डॉ अरुण कुमार वन एवं पर्यावरण मंत्री 37 करोड़ पेड़ लग चूके हैं जो की पिछली सरकार से छ गुना ज्यादा है। हमारे योगी जी की सरकार में पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। डॉ अरुण कुमार ने आगे कहा कि अगर तापमान ऐसे ही बड़ा तो बहुत से ग्लेशियरस पिघल जाएंगे। बे मौसम बारिश होगी समुद्र का वॉटर लेवल बढ़ेगा। इसको रोकना बहुत जरूरी है और इसके लिए हम सबको है पेड़ लगाना और मोदी जी ने भी कहा कहा है एक पेड़ मैं के नाम। एक पेड़ का जरुर लगाओ। कोई भी एक पेड़ अपने घर में जरुर लगाइए। कार्यक्रम अध्यक्ष कुलपति प्रो केपी सिंह ने बताया कि इस पर्व का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है, क्योंकि इस समय लगाए गए पेड़ आसानी से जीवित रहते हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में भारत सरकार ने इसरो और नासा के सहयोग से निसार उपग्रह लॉन्च किया है, जो कृषि और वानिकी क्षेत्र में उपयोगी साबित होगा। यह उपग्रह दिन-रात, किसी भी मौसम में वनों की स्थिति का सटीक आकलन करेगा।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने भी 47 प्रजातियों के वृक्ष रोपित किए हैं और छात्रों से अपील की कि वे अपने जन्मदिन या परिजनों की स्मृति में वृक्ष लगाकर उसे संजीवनी दें। महापौर डॉ. उमेश गौतम ने बताया कि स्वच्छता रैंकिंग में बरेली को 20वां स्थान मिला है। पर्यावरण के इंडेक्स सीएम टेन को कम करने वाले देश के पांच जिलों में बरेली ने पहला स्थान प्राप्त किया। रामगंगा में सीवर डाला जाता था, अब बाकरगंज और पीलीभीत बाईपास पर बने सीवर प्लांट पर जा रहा है। बरेली बरेलीवासियों के साथ के साथ गर्व से अग्रसर है। हरेला महोत्सव ने बरेली को एक नई पर्यावरणीय चेतना दी है। कार्यक्रम सचिव डॉ. मनोज कांडपाल ने बताया कि पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें डेढ़ सौ से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। विजेताओं को मंच से सम्मानित किया गया। साथ ही बरेली और आसपास की सांस्कृतिक टीमों ने मनमोहक प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। महोत्सव के दौरान समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले व्यक्तियों को बरेली गौरव सम्मान से नवाजा गया। इनमें महापौर डॉ. उमेश गौतम को उदीयमान नेतृत्व सम्मान, सत्येंद्र त्रिपाठी को लोक नीति भारत महिला सशक्तिकरण सम्मान, प्रो. सुमित्रा कुकरेती को महिला शिक्षा व सशक्तिकरण के लिए, घनश्याम खंडेलवाल (चेयरमैन बीएल एग्रो) को उद्यमिता और रोजगार सृजन हेतु सम्मानित किया गया। शिक्षा और चिकित्सा में योगदान के लिए आदित्य मूर्ति व राजेंद्र अग्रवाल, समाजसेवा के लिए योगेश पटेल (ब्लॉक प्रमुख भोजीपुरा) और नीता कुदेशिया, कृषि क्षेत्र में डॉ. विकास वर्मा, जबकि युवा प्रेरणा के लिए शगुन पाठक को यूथ आइकन अवार्ड प्रदान किया गया। आयोजन को सफल बनाने में डॉ. हरीश भट्ट, डॉ. मनोज काण्डपाल, मोहन चन्द्र पाठक, प्रो. त्रिलोचन शर्मा समेत आयोजन समिति के सदस्य और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही। संचालन आशा कांडपाल और मनसा मिश्रा ने किया