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जयंती बाबा साहब की, गुणगान पीएम नरेंद्र मोदी का...

भारतीय जनता पार्टी बरेली महानगर और कैंट विधानसभा में डॉ भीमराव अंबेडकर के "सम्मान अभियान" पर एक सगोष्ठी आयोजित की गई। अध्यक्षता राष्ट्रीय कर्मचारी आयोग की सदस्य सुषमा गोरियाल और संचालन अमरीश कठेरिया ने किया ।

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Sudhakar Shukla
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बरेली। भारतीय जनता पार्टी बरेली महानगर और कैंट विधानसभा में डॉ भीमराव अंबेडकर के "सम्मान अभियान" पर एक सगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी का प्रारंभ मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री एवं एमएलसी गोविंद नारायण शुक्ला ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया। अध्यक्षता राष्ट्रीय कर्मचारी आयोग की सदस्य सुषमा गोरियाल और संचालन अमरीश कठेरिया ने किया ।
     

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इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने कहा कि भाजपा की सरकार जब भी देश में रही है तो कांग्रेस से अपमानित बाबासाहेब डॉ अंबेडकर को हमेशा सम्मान दिलाया। भाजपा सरकार ने जितना सम्मान बाबा साहब को दिया ,उतना किसी भी सरकार ने नहीं दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट परिसर और विधि मंत्रालय में बाबा साहब की मूर्ति लगवाई। लंदन में बाबा साहब के निवास को अधिग्रहण कर वहां स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया गया। बाबा साहब की 125वीं जयंती के अवसर पर मोदी सरकार द्वारा पहली बार 120 देश में स्मृति समरोहो का आयोजन किया गया। बाबा साहब की स्मृति में एक डाक टिकट भी जारी किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से 2016 में संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार अंबेडकर जयंती का आयोजन किया। मोदी जी ने डॉ अंबेडकर को सम्मान देते हुए उनकी जन्म भूमि, शिक्षा भूमि, दीक्षाभूमि, महापरिनिर्वाण भूमि, चेत्या भूमि को पंचतीर्थ में विकसित किया है।

 कांग्रेस ने आजीवन बाबा साहब की उपेक्षा की... नेहरू जी टारगेट पर 

   भाजपा प्रदेश विधि प्रकोष्ठ के सयोजक प्रशांत सिंह अटल ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर को कांग्रेस सरकार ने हमेशा उपेक्षा की। बॉम्बे प्रेसीडेंसी विधानसभा चुनाव हारने के लिए उस समय के प्रसिद्ध क्रिकेटर बालू पलवकर को उनके खिलाफ चुनाव लड़ाया। लेकिन कांग्रेस उस  चुनाव में हार गई।डॉ भीमराव संविधान सभा मे न पहुंच सके। इसके लिए कांग्रेस ने डॉक्टर अंबेडकर को जिन क्षेत्रों से वोट दिया l। उनके मुस्लिम बाहुल क्षेत्र न होने के बावजूद भी कांग्रेस ने पाकिस्तान जाने की अनुमति दे दी। जिससे बाबा साहब फिर से संविधान सभा से बाहर हो गए। किंतु हिंदू महासभा के नेता और नेहरू के मुख्य आलोचक एम आर जयकर ने अपनी पुणे की सीट से इस्तीफा देकर अंबेडकर जी को संविधान सभा के लिए चुनवाया। लोकसभा चुनाव में तात्कालिक प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की निगरानी में बाबा साहब को चुनाव हारने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मिलकर कांग्रेस ने काम किया। बाबा साहब ने याचिका दायर की की। कुल 74 हज़ार 33 मध्य पत्रों को अस्वीकार कर गिनती से बाहर कर दिया गया। कांग्रेस ने बाबा साहब के साथ दुर्गा का चुनाव लड़ाया। 1954 में भंडारा लोकसभा उपचुनाव में जवाहरलाल नेहरू स्वयं डॉक्टर अंबेडकर को चुनाव हराने के लिए प्रचार करने गए। बाबा साहब के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले नारायण काजोलकर को कांग्रेस ने पद्मभूषण से सम्मानित किया । 1942 से वायसराय परिषद मे श्रम मंत्री के रूप में कार्य कर रहे डॉक्टर अंबेडकर को 1946 में नेहरू जी ने  अपनी पहली अंतिम सरकार में पद से हटा दिया।

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अंबेडकर को याद करने से ज्यादा  पंडित नेहरू निशाने पर... 

आंबेडकर जयंती के मौके पर होने वाले समारोह में महापौर डॉक्टर उमेश गौतम के भी निशाने पर पंडित नेहरू ही थे। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू शुरू से संविधान के निर्माण के लिए ब्रिटिश संवैधानिक विशेषज्ञ आइवर जेनिग्स को नियुक्त करना चाहते थे। इसीलिए नेहरू मंत्रिमंडल मैं डॉ अंबेडकर को जानबूझकर दरकिनार किया गया। उस उपेक्षा से निराश होकर 1951 में बाबा साहब ने नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। 10 अक्टूबर 1951 को संसद में दिए गए अपने भाषण में उन्होंने अपने इस्तीफा के कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि नेहरू सरकार दलितों के मुद्दों की उपेक्षा कर रही है।  Pt नेहरू कश्मीर मुद्दे के प्रबंधन और पूर्वी पाकिस्तान जो बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं पर अत्याचार के मुख्य कारण हैं। बाबा साहब नेहरू जी की विदेश नीति के विरोधी थे। हिंदू कोड बिल को लेकर नेहरू की निष्क्रियता से भी बाबा साहब बहुत नाराज थे। एक बार जब नेहरू जी इंग्लैंड गए तो उनकी कैबिनेट ने बाबा साहब को आर्थिक मामलों की समिति में नियुक्त किया था। किंतु जैसे ही वह इंग्लैंड से वापस आए उन्होंने बाबा साहब को उसे पद से हटा दिया। नेहरू ने सरकार बनते समय डॉक्टर अंबेडकर को योजना विभाग देने का वादा किया था। किंतु बाद में नेहरू ने योजना विभाग के गठन में विलंब करते हुए बाबा साहब को योजना विभाग से बाहर कर दिया। कांग्रेस सरकार को 1 साल भी जाने के बाद भी पिछले वर्गों की सुरक्षा के लिए कोई कार्य न होने पर बाबा साहब ने कांग्रेस पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।

कैंट विधायक ने भी नेहरू पर ही साधा निशाना 

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कैंट विधायक संजीव अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बाबा साहब की मृत्यु के उपरांत उन्हें जनमानस के मन से भूलाने का गंभीर प्रयास किया और मरणोंपरांत उनकी अपेक्षा की। 6 दिसंबर 1956 को जब डॉ भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण के बाद नेहरू सरकार ने दिल्ली में उनके अंतिम सरकार की अनुमति नहीं थी और मुंबई ले जाने के लिए मजबूर किया।उनके पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए सरकारी विमान उपलब्ध नहीं कराया और विमान का बिल भी डॉक्टर अंबेडकर की शोकाकुल पत्नी को भेज दिया। 1956 में बाबा साहब की मृत्यु का दिल्ली में उनके आवास पर राष्ट्रीय स्मारक बनाने का प्रस्ताव आया। लेकिन नेहरू ने खारिज कर दिया। भाजपा सरकार बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में इस स्मारक की आधारशिला रखी। इसका उद्घाटन 2018 में हुआ।  सांसद छत्रपाल गंगवार  ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, व राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान डॉक्टर अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया। उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले नारायण काजरोल कर को कांग्रेस सरकार ने 1997 प्रथम भूषण से सम्मानित किया। सन 1990 में भाजपा समर्थित सरकार में बाबा साहब को मरणोपरांत भारत अपने से सम्मानित किया गया। अटल बिहारी वाजपेई  के प्रयासों से संसद भवन में डॉक्टर अंबेडकर का चित्र स्थापित किया गया।

बाबा साहब अंग्रेजों के पिट्ठु और गद्दार थे... ये कांग्रेस ने कहा, सांसद 

सांसद छत्रपाल गंगवार ने कहा कि लंदन में आयोजित गोलमेज सम्मेलन में बाबा साहब को अंग्रेजों का पिट्ठू और गद्दार कहा गया था।  बाबा साहब की यह बदनामी कांग्रेस ने कराई थी। इसी प्रकार एनसीईआरटी कक्षा 11 की एक किताब में बाबा साहब काआपत्तिजनक कार्टून शामिल किया गया। जिसमें नेहरू ने बाबा साहब को चाबुक मारना दिखाया  था।
      भाजपा महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना ने कहा कि नेहरू गांधी परिवार के लिए विशाल स्मारक बनवाने की प्राथमिकता दी, जिसमें प्रत्येक गांधी नेहरू परिवार के सदस्य को लगभग 50-50 एकड़ भूमि दी गई। डॉक्टर अंबेडकर की स्मृति को एक लंबे समय तक उपेक्षित रखा गया। डॉ अंबेडकर की जयंती पर वर्ष 2025 में भाजपा की केंद्र सरकार ने पहली बार आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश  घोषित किया। सुषमा गोरयाल ने कहा कि भाजपा सरकार ने हमेशा दलितों, पिछड़ों को सम्मान सम्मान दिया है। हमारा समाज भाजपा सरकार में अपने आप को सुरक्षित व सम्मानित महसूस करता है। बरेली शहर से हमारे ही समाज से आपकी बहन को राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का सदस्य बन कर सम्मान दिया है। हमारे ही समाज के उमेश कठेरिया व संजय सिंह को भी सम्मान मिला। इसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार एससी / एस टी आयोग का सदस्य बनाकर हमारे समाज को आगे बढ़ाया l  कार्यक्रम मे महानगर उपाध्यक्ष देवेन्द्र जोशी, विष्णु शर्मा, योगेन्द्र शर्मा, तृप्ति गुप्ता,मनोज थपलियाल, मनोज थपलियाल, योगेश बंटी जयदीप चौधरीआनंद प्रकाश, शिशुपाल कठेरिया, श्याम सुंदर कठेरिया, हरबंस सिंह,जगदीश भारती,किशन लाल सागर,दीपक सोनकर, कमलेश सीधे,सियाराम आर्य,विकास पासवान, रंजीत वाल्मीकि,सौरभ वाल्मीकि,रितिक किशोर, बृजेश पाल,सुभाष वर्मा,सत्येंद्र पांडे, डॉक्टर नवल आकाश, पुष्कर चंद्रपाल आर्य, विजय वाल्मीकि, अजय रत्नाकर, डॉ शिवम, संजय कठेरिया,संजू वाल्मीकि, अनिल कठेरिया, रामबाबू वर्मा, हरीश बाबू वाल्मीकि, जवाहरलाल, लालमन कोरी,ओम प्रकाशअकेला, मोहित तिवारी,नरेंद्र मौर्य, किरण आर्य,जगदीश भारती,विजय आनंद मौजूद थे।

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