Advertisment

बदायूं : चाय-नाश्ते के बीच नजर अंदाज हुई जनता की शिकायतें, भटके फरियादी

संपूर्ण समाधान दिवस पर जब जिले के अधिकारी शिकायतें सुनने में व्यस्त रहे। तब विकास भवन के हालात कुछ और ही बयां कर रहे थे। जहां फरियादी उम्मीद लेकर पहुंचे थे, वहीं कर्मचारी जन्मदिन की पार्टी मनाने में मशगूल दिखे।

author-image
Sudhakar Shukla
bdn
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

बरेली, वाईबीएन संवाददाता

Advertisment

संपूर्ण समाधान दिवस पर जब जिले के अधिकारी शिकायतें सुनने में व्यस्त रहे। तब विकास भवन के हालात कुछ और ही बयां कर रहे थे। जहां फरियादी उम्मीद लेकर पहुंचे थे, वहीं कर्मचारी जन्मदिन की पार्टी मनाने में मशगूल दिखे। सभी कर्मचारी अपने-अपने दफ्तरों से निकलकर एक कमरे में इकट्ठा हो गए। उस कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया गया, ताकि पार्टी की भनक किसी को न लगे। अंदर चाय-नाश्ते और केक काटने का दौर चला, जबकि बाहर जनता शिकायत लेकर भटकती रही।

विकास भवन में शनिवार दोपहर करीब एक बजे अधिकांश कमरे बंद पड़े थे। वहां पर मौजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से जब इस संबंध में जानकारी चाही, तो वह भी कोई संतोष जनक जवाब नहीं दे रहे थे। ऐसे में फरियादी यहां-वहां चक्कर काटते रहे, लेकिन किसी भी कार्यालय में कोई कर्मचारी नहीं मिला। सुनवाई न होने से लोग मायूस होकर लौट गए। जनता का कहना है कि जब अधिकारी समाधान दिवस में व्यस्त हों, तब कर्मचारियों को जनता की सेवा में तैनात किया जाना चाहिए, न कि पार्टी करने के लिए खुला छोड़ दिया जाए। इस लापरवाही पर प्रशासन से जवाबदेही की मांग की जा रही है। शनिवार को जैसे ही फरियादी विकास भवन पहुंचे, उन्हें हर तरफ सन्नाटा मिला। अधिकांश कार्यालयों में कुर्सियां खाली थीं। इस बीच एक कमरे में कर्मचारी केक काटकर जन्मदिन की खुशी मना रहे थे। चाय-नाश्ते का दौर चल रहा था, लेकिन किसी की नजर फरियादियों पर नहीं गई।

समाधान की आस में आए लोग हुए निराश

Advertisment

उसावां निवासी सुमन ने कहा कि हम सोचकर आए थे कि विकास भवन में सुनवाई होगी, लेकिन यहां तो ताले और चाय पार्टी की जानकारी मिली। कोई समस्या सुनने वाला नहीं था। बैंक वालों ने समाज कल्याण विभाग भेजा था। म्याऊं निवासी बुजुर्ग रामबिहारी ने बताया कि विकास भवन में अपने काम के सिलसिले में आए थे। लेकिन यहां पर निराशा मिली। मुख्य विकास अधिकारी  केशव कुमार ने बताया कि ऐसा करना गलत है। यह कर्मचारियों की लापरवाही को दर्शाता है। इससे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।  

Advertisment
Advertisment