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किसान के खेत की खुदाई में बजरंगबली की मूर्ति निकली... ग्रामीणों ने शुरु की पूजा अर्चना

सदर तहसील के गांव रूपपुर में किसान अपने खेत दे मिट्टी निकाल रहा था। अचानक किसान के फावड़े और कुदाल किसी मोटी चीज से टकराए तो सर्तकता से खुदाई हुई।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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सदर तहसील के गांव रूपपुर में किसान अपने खेत दे मिट्टी निकाल रहा था। अचानक किसान के फावड़े और कुदाल किसी मोटी चीज से टकराए तो सर्तकता से खुदाई हुई। उसके बाद ग्रामीणों के सामने साक्षात् पवन पुत्र हनुमान जी की लंबी से मूर्ति प्रकट हो गई। किसान ने खेत की खुदाई बंद कर दी। आस पास के ग्रामीण खेत में जमा हो गए और हनुमान जी की पूजा करने लगे। तमाम भक्तो ने प्रसाद भी चढ़ाया। 

खेत से प्रकट हुए पवनपुत्र: ग्रामीणों ने किया चमत्कार का स्वागत

गांव रूपपुर निवासी किसान होतम पटेल अपने कुछ साथियों के साथ किसी काम के लिए खेत से मिट्टी निकाल रहे थे। तभी खुदाई के दौरान उनके खेत में लोहे से कोई चीज टकराई। जब उस स्थान के आस पास खुदाई करके देखा गया तो उसमें पीले रंग की हनुमान जी की मूर्ति प्रकट हुई। ग्रामीणों ने चमत्कार मानकर बजरंग बली की पूजा अर्चना शुरु कर दी। वह किसान भी खुद को सौभाग्यशाली मान रहा है, जिसके खेत में हनुमानजी साक्षात् प्रकट हुए हैं। हनुमान जी की मूर्ति लगभग दो से ढाई फुट लंबी है। पवन पुत्र हनुमान जी गले में माला धारण किए हुए हैं। ग्रामीणों ने हनुमान जी की मूर्ति को तुरन्त लाल वस्त्र ओढ़ाया और चरण रज लेकर आशीर्वाद लिया। कुछ भक्तों ने प्रसाद तो बहुतों ने नगद राशि भी हनुमान जी को अर्पित की। पूजा अर्चना कार्यक्रम लगातार जारी है। खेत में पवन पुत्र हनुमान जी की मूर्ति का निकलना ग्रामीण एक तरह का चमत्कार मान रहे हैं। पूजा अर्चना का दौर जारी है। खेत में हनुमान जी की मूर्ति निकालने की सूचना मिलते ही रूपपुर के अलावा आसपास गांव के भक्तों ने भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना कर उनके चरणो में शीश झुकाया। कुछ भक्तों ने खेत में हनुमान जी की मूर्ति के सामने बैठकर हनुमान चालीसा भी पढ़ा।

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कलियुग के देवता हैं पवन पुत्र हनुमान...

पवन पुत्र हनुमान जी को कलयुग का देवता अथवा कलयुग का राजा माना जाता है। मान्यता है कि जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सरयू नदी में डुबकी लगाते हुए गोलोक को सिधारे थे। तब संसार के कल्याण के लिए आशीर्वाद देकर हनुमान जी को ही पृथ्वी पर ही छोड़ गए थे। कहा जाता है कि तब से हनुमान जी संसारिक मनुष्यों के बीच में रहकर उनका कल्याण करते हैं।

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