/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/18/ZoKMHqTBLI8aNdm4lrDE.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने जारी किए एक बयान में कहा कि कुर्बानी खुदा को राजी करने का एक अच्छा अमल (कार्य) है, कुर्बानी पैग़म्बर इब्राहीम और पैग़म्बर इस्माइल को याद करने और मुसलमान खुदा को राजी करने के लिए करता है। 07 जून को बकरा ईद की नमाज अदा की जाएगी, और फिर तीन दिन यानी 7,8,9 जून को कुर्बानी की जाएगी। इन कुर्बानी के तीन दिनों में ज्यादातर लोग पहले ही दिन कुर्बानी कर लेते हैं।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने देशभर के मुसलमानो को कुर्बानी के दिनों में बहुत एहतियात सय्यम और संजीदा रहने की हिदायत देते हुए कहा कि बकरा ईद के मौके पर साफ सुथरा, अमन, शांति और आपसी सम्मान पर माहौल बनाएं रखें। कुर्बानी सड़कों, खुली गलियों, खुले चौराहों पर न करें। जहां भी कुर्बानी करें, उस जगह को चारों तरफ से ढक लें, और घरों में या बंद जगहों पर कुर्बानी करें। जानवरों को आने जाने वाले रास्तों में न बांधें। कुर्बानी जहां परंपरागत तरीके से होती आई है, उसी जगह पर करें, किसी नई जगह पर कुर्बानी न करें।
मौलाना ने शरियत के हवाले से बताया कि जिस जानवर की कुर्बानी करें, उसको खूब खिलाएं पिलाएं, कुर्बानी करते वक्त खून को नालियों में न बहने दें, बल्कि जहां कुर्बानी की है, वहां एक छोटा सा गड्ढा बनाकर जमा करें। साथ ही जानवर का फुजला (अवशेष) इधर-उधर नालियों और गलियों में न फेंकें, बल्कि उसी छोटे गड्ढे में दफन कर दें। यदि गड्ढे की समुचित जगह उपलब्ध न हो तो किसी थैली में रख कर किसी सुरक्षित जगह पर पहुंचा कर नष्ट कर दें।
उन्होंने कहा कि कुर्बानी के जानवर दो चार दिन पहले लोग खरीदते हैं। खरीदने के लिए गांव, देहात और शहर के बाजारों में जातें हैं। उन जानवरों को गाड़ियों में रख कर लाते हैं। देखा गया है कि रास्ते में चंद्र असमाजिक तत्व गाड़ियों को रोक कर ड्राइवर और गाड़ियों में बैठे लोगों के साथ मार पीट करते हैं। इस पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए, ताकि किसी भी तरह का कोई विवाद उत्पन्न न हो।
मौलाना ने आगे कहा कि कुर्बानी करने वाले लोग किसी भी तरह की नई परम्परा डालने से बचें और हुकूमत की गाइडलाइंस का पालन करें, सोशल मीडिया को दूर रखें। और साथ ही दूसरे धर्मो के लोगों का भी खास ख्याल रखें, जानवर को बांधने और ले जाने लाने के सम्बन्ध में हर तरह के विवाद से बचें। अम्न व शांति और भाईचारे का पैगाम दें।