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परिषदीय स्कूल में विकसित बाल वाटिका
बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली में पेयरिंग के पश्चात रिक्त हुए 61 विद्यालय भवनों में बाल एवं पुष्टाहार विभाग के सहयोग से 3 से 6 वर्ष के बच्चों हेतु बाल- वाटिकाएं संचालित की गई हैं। 15 विद्यालयों में आदर्श बाल वाटिकाओं का निर्माण किया गया है। इनमें बच्चों को खेल एवं गतिविधि आधारित शिक्षण रोचक एवं प्रभावशाली ढंग से प्रदान किया जाता है। बाल वाटिका का मुख्य उद्देश्य 03 से 06 वर्ष के बच्चों का है शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास करना।
शिक्षकों के अनुसार भारत में बच्चों के पालन पोषण की सुस्थापित परंपरा से सामान्यतः संस्कारों से संबध रही है । पीढ़ी दर पीढ़ी संचरित ऐसे संस्कार बच्चों के जीवन के आरंभिक 8 वर्षों में वांछित लालन-पालन का मार्ग प्रशस्त करते हैं, ताकि पश्यगामी वर्षों में उनके विकास, व्यवहार और क्षमताओं के प्रत्येक पक्ष का अनुकूल रूप से डाला जा सके। प्रारंभिक बाल्यावस्था के महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बाल वाटिका सम्बन्धित एक विशेष कार्यक्रम को विकसित किया है। बाल वाटिका एक विशेष पूर्व प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम है, जिसे मुख्य रूप से 03 वर्ष से 06 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य छोटे बच्चों के सर्वांगीण विकास ( शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावात्मक) को एकीकृत करना है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत की गई है, जिसमें प्रारंभिक बाल्यकाल देखभाल और शिक्षा के महत्व को स्वीकार किया गया है। इसमें शिक्षण पद्धति के अंतर्गत खेल आधारित शिक्षण जहां बच्चे सीखने की गतिविधियां ,खेलकूद, कहानी, संगीत, रचनात्मक कलाएं आदि के माध्यम से पढ़ाई करेंगे, बाल वाटिका प्रीस्कूलिंग और औपचारिक स्कूलिंग के बीच की कड़ी के रूप में कार्य करेगा। बाल वाटिका का मुख्य उद्देश्य बच्चों के लिए सुरक्षित, प्रेरणादायक और समृद्ध वातावरण उपलब्ध कराना है । शुरुआती उम्र में मूलभूत साक्षरता, संख्यात्मक कौशल, भाषा सामाजिक और भावात्मक कौशल का विकास करना है। माता-पिता की भागीदारी और बच्चों की स्कूली जीवन से सहजता से जोड़ने में बाल वाटिका मदद करती है। बाल वाटिका बच्चों की शिक्षा की मजबूत नींव रखने और उन्हें औपचारिक स्कूल शिक्षा के लिए तैयार करने के लिए एक प्रमुख सरकारी पहल है। बाल वाटिका समावेशी ,सांस्कृतिक और विकासात्मक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। बाल वाटिका की स्थापना शिक्षा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है,जो कम उम्र से ही एक मजबूत शैक्षिक आधार के महत्व पर जोर देती है। उत्तर प्रदेश में 2026 तक सभी स्कूलों में बाल वाटिका स्थापित करने का लक्ष्य है।