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यूपी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को प्रदेश से बाहर किया जाएगा। इसके लिए 15 दिन तक विशेष तलाशी अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बरेली में घुसपैठियों की तलाशी के लिए विशेष अभियान सोमवार से शुरू कर दिया गया।
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने जिले के प्रत्येक थाने में टीम गठित की है। सर्च टीम प्रत्येक दिन सुबह और रात में 8:00 से 11:00 बजे तक थाना क्षेत्र में भ्रमण कर घुसपैठियों के बारे में जानकारी जुटा जुटाएगी। अभियान खत्म होने पर अवध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को देश से बाहर किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें भारत से वापसी का रास्ता दिखाया गया था। इसी तरह शासन ने बांग्लादेशियों को खदेड़ने के लिए 15 दिन का विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर सोमवार से जिले में पुलिस ने विशेष अभियान शुरू किया है।
इस विशेष अभियान में झुग्गी झोपड़ी डालकर रहने वाले बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की कई बिंदुओं पर गहनता से जांच कर डेटा तैयार किया जाएगा। सभी थानों की पुलिस को अवैध प्रवासियों और संदिग्ध लोगों की जानकारी जुटाकर 11 जून तक एसपी को रिपोर्ट देनी होगी। इस रिपोर्ट को शासन और पुलिस मुख्यालय भेजा जाएगा। प्रदेश भर से जुटाए गए डाटा के आधार पर अवैध रूप से रहने वालों का सत्यापन होगा।
एसपी अनुराग आर्य ने साफ कर दिया है कि यहां पर रहने के लिए घुसपैठियों ने अगर राशन कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस, पासपोर्ट और आधार कार्ड समेत अपनी पहचान साबित करने के लिए अन्य कागजात बनवाए हैं तो संबंधित विभागों से पत्राचार कर उसे निरस्त कराया जाएगा। साथ ही फर्जी कागजातों के सहारे इनको सुविधा देने वालों के खिलाफ भी जांच कराई जाएगी। पहचान के इन कागजातों को तैयार करने में मदद करने वाले बिचौलियों और विभागीय कर्मचारियों समेत अधिकारियों की पहचान करते हुए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
कौन व्यक्ति बाहर से आकर यहां रह रहा है। कौन अस्थाई रूप से रह रहा, और कौन स्थाई रूप से किस कारण से रह रहा है। परिवार सहित यहां रह रहा है या अकेला। थाना क्षेत्र में कोई अजनबी रह रहा है तो उसके बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। ऐसा व्यक्ति जिनकी गतिविधियां संदिग्ध हों इसकी जानकारी की जाएगी। सड़क रेलवे लाइन और नदी किनारे खुले ग्राउंड पर रहने वालों की भी जांच होगी। टेंट में रहने वाले लोगों की भी जांच की जाएगी।
यूपी में अवैध तरीके से झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को चिन्हित किया जा रहा है। साथ ही ऐसे संदिग्ध लोगों का फिंगरप्रिंट लेकर राज्य फिंगरप्रिंट ब्यूरो को भेजे जाएंगे, जिससे इन सभी के बारे में पहचान हो सके। साथ ही जनपद बार कंप्यूटराइज्ड डेटाबेस अलग से रखा जा सके। ऐसे व्यक्तियों का स्थानीय स्रोतों की सहायता से भी सघन सत्यापन कराया जाएगा। ई-रिक्शा चालकों, मीट फैक्ट्री और दुकानों पर काम करने वाले, कूड़ा कबाड़ और पॉलिथीन बीनने वालों और कॉलोनी साफ सफाई करने वाली महिलाओं की भी जांच की जाएगी। इनमें भी घुसपैठियों के शामिल होने की आशंका है।