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बरेली। बरेली कॉलेज कर्मचारी कल्याण सेवा समिति दो फाड़ हो गई है। एक गुट अपनी समिति को सही और दूसरी को फर्जी तो दूसरा अपनी को सही बता रहा। एक गुट ने दूसरे गुट के अध्यक्ष पर शिक्षणेत्तर संगोष्ठी कार्यक्रम में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए प्राचार्य से कार्रवाई की मांग की है। वहीं दूसरे गुट ने प्राचार्य को पत्र देकर अवैधानिक कार्यक्रम कराने का आरोप लगाया है।
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दुष्प्रचार और भ्रामक मैसेज फैलाकर माहौल बिगाड़ रहा है।
दरअसल एक गुट के अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में छह फरवरी को बरेली कॉलेज के एमएड सभागार में संगोष्ठी कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि कैंट विधायक संजीव अग्रवाल और मेयर उमेश गौतम को बुलाया गया था। जितेंद्र गुट का आरोप है कि दोनों अतिथियों ने आने की अनुमति भी दे दी थी। इनका आरोप है कि चंद्रकेश यादव (जोकि खुद को दूसरे गुट का अध्यक्ष बताते हैं) दुष्प्रचार और भ्रामक मैसेज फैलाकर माहौल बिगाड़ रहा है। उन्होंने प्राचार्य और प्रबंधन के साथ ही एसएसपी को पत्र भेजकर चंद्रकेश के खिलाफ कार्रवाई की मांग है।
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पुन: जितेंद्र मिश्रा को बना दिया अध्यक्ष।
जितेंद्र गुट का आरोप है कि चंद्रकेश ने संगठन की छवि धूमिल करने की कोशिश करने के साथ ही जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम में न आने देने का षड्यंत्र रचा है। चंद्रकेश प्रबंध समिति के सचिव से भी गलत बर्ताव कर चुका है। उसके इसी बर्ताव से आहत होकर कार्यकारिणी के सदस्यों ने एकमत होकर चंद्रकेश यादव को समिति के अध्यक्ष पद से हटाकर पुन: जितेंद्र मिश्रा को अध्यक्ष बना दिया है।
सचिव सुनील कुमार, अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा और संरक्षक हरीश मौर्य व गंगा प्रसाद ने कहा कि महाविद्यालय में केवल जितेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में एक ही संगठन अस्थायी कर्मचारियों का है। संगठन जल्द ही प्रबंधन समिति सचिव देवमूर्ति के साथ बैठक करेगा।
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मेयर को भी सूचित कर दिया गया है।
वहीं चंद्रकेश यादव गुट ने व्हाट्सएप पर एक मैसेज जारी कर लिखा कि एमएड विभाग में कर्मचारी कल्याण समिति की ओर से कोई कार्यक्रम नहीं कराया जा रहा है, यह कार्यक्रम संगठन से निष्कासित लोगों के द्वारा कराया जा रहा है इसलिए कोई भी अस्थायी कर्मचारी इस संगोष्ठी में हिस्सा न ले। इस संबंध में कैंट विधायक और मेयर को भी सूचित कर दिया गया है। चंद्रकेश यादव की ओर से एक पत्र प्राचार्य के नाम भी लिखा गया और समिति को अवैध बताते हुए कार्यक्रम के लिए सभागार न देने को कहा गया।