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Bareilly News: बरेली विकास प्राधिकरण के बुलडोजर ने 02 घंटे के अंदर तीन अवैध कॉलोनियों को मिट्टी में मिलाया

बरेली विकास प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने सुभाषनगर इलाके में बनीं 03 अवैध कॉलोनियों को दो घंटे के अंदर ध्वस्त कर दिया। इन कालोनियों को प्रॉपर्टी कारोबारी बना रहे थे।

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Sanjay Shrivastav
अवैध कॉलोनी ध्वस्त

बरेली, वाईबीएन संवाददाता

बरेली विकास प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने सुभाषनगर इलाके में बनीं 03 अवैध कॉलोनियों को दो घंटे के अंदर ध्वस्त कर दिया। तीनों अवैध कालोनियों के विरूद्व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। 

इटौआ सुखदेवपुर में पांच बीघा में थी अवैध कॉलोनी

बीडीए प्रशासन के मुताबिक सुरेन्द्र सिंह और राजवीर सिंह ने ग्राम इटौआ सुखदेवपुर मंदिर के पास 5 बीघा क्षेत्रफल में बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के सड़क, बाउंड्रीवॉल और साइट ऑफिस निर्माण करा लिया। इसके बाद यहां भूखण्डों के चिन्हांकन का कार्य कर अवैध कॉलोनी का निर्माण कराया जा रहा था।

बगैर मानचित्र स्वीकृति के बसा रहे थे कॉलोनी 

वहीं, ब्रह्मसिंह पुत्र प्रेम सिंह, सुशीला प्रधान, आशीष सक्सेना पुत्र श्रीकृष्ण बिहारी लाल ने ग्राम इटौआ सुखदेवपुर में 5 बीघा और अकरम एवं  मुन्नालाल ने ग्राम करैली के पीछे रेलवे क्रासिंग के पास बदायूं रोड पर लगभग 10 बीघा क्षेत्रफल में बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के सड़क, बाउन्ड्रीवाल, साइट ऑफिस बनाकर भूखण्डों का चिन्हांकन कराया। इन जगहों पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण कराया जा रहा था।

नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 के तहत की गई कार्रवाई

इन तीनों अवैध कालोनी के विरूद्ध उप्र नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की सुंसगत धाराओं के अन्तर्गत कार्रवाई की। प्राधिकरण के अवर अभियन्तागण अजीत साहनी, सीताराम, बौद्धमणि गौतम, सहायक अभियन्ता रमन कुमार अग्रवाल एवं संयुक्त सचिव, दीपक कुमार एवं प्रवर्तन टीम ने अवैध कॉलोनियां को ध्वस्त कर दिया।

भवन निर्माण से पहले मानचित्र स्वीकृत कराना जरूरी

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बीडीए उपाध्यक्ष माणिकनंदन ए ने कहा कि किसी भी व्यक्ति द्वारा निर्माण/प्लाटिंग करने से पूर्व बरेली विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य है। बिना मानचित्र स्वीकृत कराये प्लाटिंग करना या भवन निर्माण करना पूरी तरह से अवैध है। बिना मानचित्र स्वीकृत कराये किए गये निर्माण का ध्वस्तीकरण प्राधिकरण द्वारा किया जा सकता है।

 स्वीकृति की जानकारी जरूर लें 

उन्होंने कहा क्रेता किसी भी परेशानी से बचने के लिए भवन/भूखण्ड क्रय करने से पूर्व उसकी मानचित्र स्वीकृति सम्बन्धी जानकारी प्राधिकरण से अवश्य प्राप्त कर लें।  मानचित्र स्वीकृत न होने की स्थिति में खरीदारी से बचें। अन्यथा की दशा में प्राधिकरण द्वारा उप्र नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 के तहत प्रभावी कार्रवाई की जायेगी। 

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