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Bareilly News : नगर निगम बोर्ड की बैठक में हंगामे के बीच 833 करोड़ का बजट पास

नगर निगम बोर्ड की बैठक में शनिवार को जोरदार हंगामे के बीच 833 करोड़ का बजट पास हो गया। बैठक में गृहकर और संपत्तिकर के गलत बिलों व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हंगामा हुआ।

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KP Singh
नगर निगम बोर्ड बैठक
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

Bareilly News : नगर निगम बोर्ड की बैठक में शनिवार को जोरदार हंगामे के बीच 833 करोड़ का बजट पास हो गया। बैठक में गृहकर और संपत्तिकर के गलत बिलों व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हंगामा हुआ। बैठक शुरू होने से पहले ही नगर निगम की नई बिल्डिंग को लेकर खूब नोकझोंक हुई। पार्षदों ने टैक्स, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, बंदर, कुत्तों को पकड़ने को लेकर अधिकारियों को घेरा। वहीं पार्षदों की मांग पर प्रत्येक वार्ड में एक-एक करोड़ रुपये से अतिरिक्त विकास कार्य कराने पर सहमति बनी। 

शनिवार को करीब 11 बजे नगर निगम सभागार में मेयर डॉ. उमेश गौतम की अध्यक्षता में बोर्ड की बैठक शुरू हुई। इस बीच सपा पार्षद दल के नेता गौरव सक्सेना ने कहा कि नगर निगम की नई बिल्डिंग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पिछली बोर्ड बैठक में कहा गया था कि अगली बैठक नई बिल्डिंग में होगी, लेकिन नई बिल्डिंग अब तक तैयार नहीं हुई है। कभी उसकी छत टपकने लगती है तो कभी प्लास्टर गिरने लगता है।

इस पर मेयर ने जवाब दिया कि नई बिल्डिंग के निर्माण में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। बेवजह मामले को बढ़ा-चढ़ाकर तूल दिया जा रहा है। इस दौरान हंगामे में बीच 833 करोड़ रुपये के बजट पर मुहर लगी। लेखाधिकारी अनुराग सिंह ने बताया कि 604 करोड़ रुपये आमदनी और 765 करोड़ रुपये के व्यय के प्रावधान के साथ 833 करोड़ रुपये का बजट पारित हुआ है।

उन्होंने बताया कि नगर निगम के पास बीते साल का 229 करोड़ रुपये अवशेष है। अगर इसको आय में जोड़ते हैं तो व्यय के बाद भी 67 करोड़ रुपये बच जाएंगे जो अगले वित्तीय वर्ष में व्यय के लिए चले जाएंगे। बैठक में सांसद छत्रपाल गंगवार, नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य, उप नगर आयुक्त पूजा त्रिपाठी, अपर नगर आयुक्त सुनील कुमार यादव, मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी, लेखाधिकारी अनुराग सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र समेत अन्य अधिकारी और पार्षद मौजूद रहे।

कुत्तों और बंदरों से निजात की मांग

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बैठक में कुत्तों और बंदरों के आतंक से निजात की मांग की गई। पार्षद राजेश अग्रवाल, गौरव सक्सेना, शमीम अहमद, आरिफ कुरैशी, सलीम पटवारी, अब्दुल कय्यूम मुन्ना आदि ने आरोप लगाया कि मोटी रकम का खेल हो रहा है। रोस्टर के अनुसार टीम वार्डों में नहीं पहुंच रही है। टेंडर से लेकर उनके भुगतान तक में भ्रष्टाचार हो रहा है। इस मुद्दे को लेकर काफी देर कहासुनी हुई। पार्षद राजेश अग्रवाल ने गृहकर के स्वकर फार्म नगर निगम में जमा न करने का विरोध किया। पुराने एरियर का संशोधन नहीं होने की बात कही। इस पर मेयर ने कहा कि 1 अप्रैल के बाद स्वकर के फॉर्म जमा किए जाएं। 

हाउस टैक्स के सर्वे गड़बड़ियों से लोग परेशान

भाजपा पार्षद सतीश चंद्र कातिब मम्मा ने कहा कि हाउस टैक्स के सर्वे की गलतियों से लोग परेशान हैं। स्वकर फॉर्म देने के कई-कई महीने बाद भी सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र की उस बात का जिक्र किया जब स्वकर फार्म जमा करने को लेकर उन्होंने सपा पार्षदों से कहा था कि कोई आपत्ति नहीं लेंगे, वह कोर्ट जाएं।

विशाल मेगा मार्ट का टैक्स कम करने के मुद्दे पर वॉकआउट

सिकलापुर पार्षद जय प्रकाश राजपूत ने कहा कि विशाल मेगा मार्ट पर 3.63 करोड़ हाउस टैक्स बकाया था लेकिन अचानक 1.97 करोड़ रुपये कम कर दिया गया। इस पर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने जवाब देना चाहा तो दूसरे पार्षद भी बोलने लगे। शोर-शराबा होने पर दोनों पार्षद बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए। मेयर डॉ. उमेश गौतम ने कहा कि बजट में शहर के विकास का ध्यान रखा गया है। हर वार्ड में एक-एक करोड़ रुपये से अतिरिक्त विकास कार्य होंगे। पार्कों के सौंदर्यीकरण पर तीन गुना खर्च किया जाएगा। पहली बार 800 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया है, इससे विकास की रफ्तार तेज होगी।  

सफाई व्यवस्था और कूड़ा प्रबंधन के लिए बढ़ा बजट

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30 वार्डों में सफाई का ठेका निजी कंपनियों को दिया जाएगा। रात में सफाई और सड़कों की सफाई के लिए अलग बजट निर्धारित किया गया। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और ट्रंचिंग ग्राउंड तक कूड़ा पहुंचाने के लिए निजी एजेंसी को जिम्मेदारी दी जाएगी। नगर निगम ने पार्कों की देखरेख, डिवाइडर पर पौधे लगाने और टूटे पेड़ों को हटाने के लिए बजट बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया है।

बजट से ये होंगे प्रमुख कार्य

  • डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन पर 5 करोड़
  • निर्माण कार्य पर 20 करोड़
  • भवनों की मरम्मत पर करोड़
  • डीजल खर्च 13 करोड़
  • सार्वजनिक मार्गों की सफाई पर 7.50 करोड़
  • वार्डों में ठेके पर सफाई पर 18 करोड़
  • डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन पर 12 करोड़
  • डलावघर से कूड़ा उठान पर 12 करोड़
  • पार्कों का रखरखाव पर 2 करोड़
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