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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बहेड़ी थाने की भुढ़िया कॉलोनी चौकी इंचार्ज दीपचंद को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ने के मामले में बरेली एंटी करप्शन की टीम खुद जांच के घेरे में आ गई है। दरोगा दीपचंद की पत्नी की शिकायत पर एसएसपी अनुराग आर्य ने एसपी साउथ अंशिका वर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है।
सात जनवरी 2025 को उत्तराखंड के किच्च्छा निवासी जीशान मलिक की शिकायत पर बरेली एंटी करप्शन की टीम ने बहेड़ी थाने की भुड़िया कॉलोनी चौकी इंचार्ज दीपचंद को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था। बहेड़ी थाने में मुकदमा दर्ज करने के बाद दीपचंद्र को जेल भेजा गया था। उन पर एक आरोपी को जेल जाने से बचाने और मुकदमा खत्म कराने के लिए रुपये मांगने का आरोप था।
उधर, दरोगा की पत्नी गुंजन का कहना है कि दीपचंद को झूठा फंसाया गया है। बरेली एंटी करप्शन की टीम जब भुड़िया चौकी पहुंची तो वहां कई अन्य लोग मौजूद थे, लेकिन उनमें से किसी व्यक्ति को गवाह नहीं बनाया गया। दीपचंद की पत्नी का कहना है कि एंटी करप्शन की टीम चौकी के एक सिपाही को उठाकर उत्तराखंड लेकर गई और उसे दो घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया।
उसी सिपाही के द्वारा जबरन दराज में जबरन रुपये रखवा दिए गए थे। उस सिपाही से पूछताछ करने में हकीकत का पता चल जाएगा। गुंजन का कहना है कि जब उनके पति दीपचंद्र थाना कैंट में तैनात थे तो एंटी करप्शन के अफसर ने एक महिला अभियुक्त को छोड़ने के लिए पैरवी की थी, लेकिन उस महिला को जेल भेज दिया गया। उस महिला ने साठगांठ करके दीपचंद को फंसाया गया है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है, जिसमें एसपी साउथ अंशिका वर्मा, एसपी नार्थ मुकेश चंद्र मिश्रा और बरेली के सीओ सिटी प्रथम पंकज श्रीवास्तव शामिल है। टीम ने जांच शुरू भी कर दी है। एसएसपी का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।