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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली के केपीआरसी इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल गबन के आरोप में बर्खास्त होने पर कॉलेज के प्रिंसिपल रूम और अलमारियों की चाबियां लेकर फरार हो गईं, इसके चलते छात्राओं की वार्षिक परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी। इस मामले की शिकायत डीआईओएस से की गई लेकिन अब तक फरार प्रिंसिपल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है न ही कक्ष के ताले तुड़वाए गए। परीक्षा सामग्री समेत अन्य दस्तावेज कक्ष में बंद होने की वजह से स्टाफ को विद्यालय संचालन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
केपीआरसी कन्या इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल ममता कुमारी पर दो लाख रुपये गबन का आरोप लगा था। इस मामले की जांच हुई तो वह दोषी पाई गईं। इस पर उन्हें निलंबित कर दीपा शर्मा को प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया लेकिन निलंबित होने के बाद ममता कुमारी ने प्रिंसिपल कक्ष और अलमारियों की चाबियां नवनियुक्त प्रिंसिपल दीपा शर्मा के सुपुर्द नहीं कीं। बाद में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया तो वह चाबियां लेकर फरार हो गईं। तब से उनका कोई अता पता नहीं है।
कॉलेज प्रबंध समिति ने एक फरवरी को ममता कुमार की सेवा समाप्ति की घोषणा की थी। इसके बाद वह चाबियां लेकर फरार हो गईं। चाबियां सुपुर्द करने के लिए उन्हें पत्राचार किया गया लेकिन न तो उन्होंने चाबियां दी न ही कोई जवाब दिया। नतीजतन कॉलेज में होने वाली वार्षिक परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ीं।
प्रिंसिपल कक्ष बंद होने की वजह से नवनियुक्त प्रिंसिपल दीपा शर्मा के लिए बैठने की कोई स्थायी जगह नहीं है। वह कभी आंगन तो कभी बरामदे में बैठकर जैसे तैसे कामकाज कर रही हैं। प्रिंसिपल दीपा शर्मा ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने कई बार विभागीय अफसरों को पत्राचार किया लेकिन अब तक इस समस्या का हल नहीं निकाला गया है। प्रिंसिपल कक्ष में परीक्षा सामग्री समेत अन्य दस्तावेज बंद होने से विद्यालय संचालन में काफी दिक्कत आ रही है।
विद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं इसी महीने 17 फरवरी से शुरू होनी थीं लेकिन प्रश्नपत्र समेत सारी परीक्षा सामग्री प्रिंसिपल कक्ष में अलमारी के अंदर बंद हैं। लिहाजा विद्यालय प्रबंधन को परीक्षा स्थगित करने का फैसला लेना पड़ा। यही नहीं विद्यालय संचालन में काम आने वाले तमाम आवश्यक दस्तावेज भी अलमारी में बंद हैं, इससे अन्य कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं।
परीक्षाएं टाले जाने से एक तरफ छात्राओं के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है तो दूसरी तरफ अभिभावकों में भी इस मामले को लेकर गुस्सा है। अभिभावकों ने भी इस मामले की शिकायत शिक्षा विभाग के अफसरों से की है लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं किया गया है। ऐसे में परीक्षाएं कब होंगी इस पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई हैं। अभिभावकों को बच्चों का साल खराब होने का डर सता रहा है।