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फरीदापुर चौधरी में बीडीए ने अनाधिकृत निर्माण सील किया
वाईबीएन संवाददाता बरेली।
बीडीए एक ओर जहां अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चलवाकर भूमाफियाओं के बीच अपनी दहशत बनाए हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर नगर निगम और राजस्व विभाग के संरक्षण में रहपुरा चौधरी में एक भूमाफिया और उसका पाटर्नर किला नदी (जिसे देवरनिया नदी भी कहा जाता है) के किनारे सीलिंग की सैकड़ों बीघा जमीन पर अवैध कब्जा करके उसे बेच चुके हैं। भूमाफिया का संबंध उन चर्चित मौलाना की पार्टी से है, जिनको हाल ही में बरेली में माहौल खराब करने के आरोप में जेल भेजा जा चुका है। अब तक प्रशासन की नजर शहर के सबसे बड़े भूमाफिया पर नहीं पड़ी है। सदर तहसील के स्थानीय लेखपाल और कानून गो का भूमाफियाओं को पूरा संरक्षण प्राप्त है। माफियाओं ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए बसंत बिहार चौराहे पर अपना ऑफिस भी बना रखा है। यहीं से नगर निगम और राजस्व विभाग की सीलिंग की जमीन की खरीद बिक्री होती है।
बरेली विकास प्राधिकरण ने फिलहाल बृहस्पतिवार को भी अनाधिकृत निर्माण पर अपनी कार्रवाई जारी रखी। प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने थाना इज्जतनगर क्षेत्र के फरीदापुर चौधरी इलाके में अनाधिकृत तरीके से निर्माणाधीन मुमतियाज अहमद का बारातघर एसबी लॉन मुमतियाज़ सील कर दिया। यह बारातघर फरीदापुर चौधरी के शान्तीनगर इलाके में 800 वर्गमी0 में बना था। बीडीए से बारातघर का मानचित्र स्वीकृत नहीं था। मोहम्मद तसलीम द्वारा थाना इज्जतनगर फरीदापुर चौधरी, शान्तीनगर में लगभग 200 वर्गमी0 में जिम का संचालन किया जा रहा था। बीडीए की प्रवर्तन टीम ने फिलहाल जिम को सील कर दिया। बीडीए की टीम ने इस कड़ी में राजवीर सिंह की 32 वर्ग मीटर की एक दुकान भी सील कर दी। थाना इज्जतनगर में 32 वर्गमी0 में यह दुकान व्यवसायिक प्रयोजन के लिए बनाई जा रही थी। अनाधिकृत बारातघर, जिम और दुकान को सील करने वाली टीम में प्राधिकरण के अवर अभियन्ता अजीत साहनी, सीताराम, सुरेन्द्र द्विवेदी एवं सहायक अभियन्ता धर्मवीर सिंह, गजेन्द्र कुमार शर्मा, विशेष कार्याधिकारी अजीत कुमार सिंह शामिल थे।
अनाधिकृत निर्माण करने वालों को बीडीए की सख्त चेतावनी
बीडीए ने अनाधिकृत निर्माण करने वालों को सख्त चेतावनी दी है। प्राधिकरण की तरफ से जारी संदेश में कहा गया कि उ0प्र0 नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 के प्राविधानों के अन्तर्गत किसी भी व्यक्ति द्वारा निर्माण/प्लाटिंग करने से पूर्व बरेली विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य है। बिना मानचित्र स्वीकृत कराये प्लाटिंग करना या भवन निर्माण करना पूरी तरह से अवैध है। इस तरह के निर्माण का ध्वस्तीकरण प्राधिकरण द्वारा कभी भी किया जा सकता है। भवन या भूखण्ड क्रेताओं को सलाह है कि भविष्य में किसी भी परेशानी से बचने के लिए भवन या प्लॉट क्रय करने से पूर्व उसकी मानचित्र स्वीकृति सम्बन्धी जानकारी प्राधिकरण से अवश्य प्राप्त कर लें। मानचित्र स्वीकृत न होने की स्थिति में खरीदारी से बचें। अन्यथा की दशा में प्राधिकरण द्वारा उ0प्र0 नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही की जायेगी, जिसका समस्त उत्तरदायित्व निर्माणकर्ताओं का स्वयं का होगा।
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