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गवर्नर संतोष गंगवार के पैतृक गांव में गरजा बीडीए का बुलडोजर.., 120 बीघे की कॉलोनी ध्वस्त

बीडीए का बुलडोजर किसी को नहीं छोड़ता। चाहे वह कितना ही ताकतवर क्यों न हो।झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार के गांव में बीडीए ने 120 बीघे की अनाधिकृत कॉलोनी ध्वस्त कर दी।

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Sudhakar Shukla
झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार के पैतृक गांव में बीडीए का बुलडोजर

झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार के पैतृक गांव में बीडीए का बुलडोजर

वाईबीएन संवाददाता बरेली।

 बरेली विकास प्राधिकरण का बुलडोजर किसी को नहीं छोड़ रहा है। फिर चाहे वह कितना ही ताकतवर क्यों न हो। अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार के पत्रक गांव में बीडीए ने बुलडोजर चलाकर 120 बीघे की अनाधिकृत कॉलोनी ध्वस्त कर दी। प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने थाना सीबीगंज में सबसे पहले अमित अग्रवाल उर्फ राजा एवं कमल बेदी उर्फ सोनू पंजाबी की थाना सीबीगंज के ग्राम बण्डिया में 100 बीघा क्षेत्रफल में बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के बनने वाली अवैध कॉलोनी ध्वस्त की। इसमें भूखण्डों का चिन्हांकन, सड़क, नाली एवं बाउन्ड्रीवाल निर्माण हो चुका था। वहीं दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार के पैतृक गांव टियूलिया थाना सीबीगंज में बाबू राम, संजीव, विरेन्द्र, रविन्द्र की 20 बीघा कॉलोनी में बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के भूखण्डों का चिन्हांकन, सड़क, नाली एवं बाउन्ड्रीवाल का कार्य करते हुए अवैध कालोनी का निर्माण और विकास कराया जा रहा था। प्राधिकरण की टीम ने दोनों कालोनियों को बुलडोजर लगाकर ध्वस्त कर दिया। ध्वस्तीकरण टीम में प्राधिकरण के सहायक अभियन्ता धर्मवीर सिंह अवर अभियन्ता संदीप कुमार एवं प्रवर्तन टीम शामिल थी।

भूखंड या मकान खरीदने से पहले चेक करें मानचित्र 

 प्राधिकरण की तरफ से बताया गया है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा निर्माण/प्लाटिंग करने से पूर्व बरेली विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य है। बिना मानचित्र स्वीकृत कराये प्लाटिंग करना या भवन निर्माण करना पूरी तरह से अवैध है। बिना मानचित्र स्वीकृत कराये किये गये विकास/निर्माण का ध्वस्तीकरण प्राधिकरण द्वारा किया जा सकता है इसके लिए भवन/भूखण्ड के क्रेताओं को सलाह दी जाती है कि भविष्य में किसी भी परेशानी से बचने के लिए भवन/भूखण्ड क्रय करने से पूर्व उसकी मानचित्र स्वीकृति सम्बन्धी जानकारी प्राधिकरण से अवश्य प्राप्त कर लें तथा मानचित्र स्वीकृत न होने की स्थिति में खरीदारी से बचने की सलाह दी जाती है। अन्यथा की दशा में प्राधिकरण द्वारा उ0प्र0 नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही की जायेगी, जिसका समस्त उत्तरदायित्व निर्माणकर्ताओं का स्वयं का होगा।

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