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दो दिन पहले 24 मई को जनपद बरेली के थाना भोजीपुरा क्षेत्र के गांव रम्पुरा माफी निवासी बाबू खां की दिनदहाड़े छुरी से हमलाकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के भाई मुशीर खां ने रम्पुरा माफी गांव के ही एहसान खां पुत्र सिराजुद्दीन समेत तीन लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सोमवार 26 मई को भोजीपुरा पुलिस ने हत्यारोपी एहसान को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया। पुलिस के मुताबिक बाबू खां की हत्या उसके अवैध संबंधों की वजह से गई थी।
पुलिस के मुताबिक पूछताछ के दौरान हत्यारोपी एहसान खां ने बताया कि वह और बाबू खां पहले एक साथ लूटमार करते थे। कई घटनाओं में दोनों साथ रहे, और साथ-साथ जेल भी गये। वर्ष 2006 में 01 साल 13 दिन अहसान खां जेल में रहा था। जबकि बाबू खां जमानत पर छूटने से बाहर था। पुराने मुकदमों में बाबू खां और अहसान खां की कोर्ट में एक साथ तारीख लगती थी। अहसान खां तारीख पर जेल से पहुंचता था।
बाबू खां तारीख पर जाता तो उसके साथ एहसान खां की पत्नी उससे मिलने कचहरी जाती थी। दोनों टेंपों में आते जाते थे। इसी बीच बाबू खां और अहसान खां की पत्नी के बीच गलत सम्बन्ध हो गये। एहसान खां का कहना है कि उसके साथ बाबू खां ने गद्दारी की। जेल से बाहर आने पर उसे इसकी जानकारी हुई। तभी वह बाबू खां से नफरत करने लगा। उसने बाबू खां से मिलना जुलना और बात करना बंद कर दिया। दोनों के घरों के बीच काफी दूरी है।
कुछ दिन पहले अहसान खां के साड़ू तस्लीम खां के लड़के की शादी थी, जिसमे बाबू खां ने खाना बनाया था। इससे दावत में अहसान खां ने खाना भी नहीं खाया था। 23 मई को बाबू खां उसके पड़ोसी इसराईल उर्फ छुटका पुत्र याद अली खां के यहां मजदूरी करने राज मिस्त्री ताहिर पुत्र लियाकत खां के साथ आया था। वह पहले दिन मजदूरी करता रहा तो अहसान खां को कोई दिक्कत नहीं हुई।
अहसान खां के अनुसार घटना वाले दिन उसके घर की टूटी हुई दीवार से निकालकर उसके गेट के सामने तौहिद पुत्र तारीख से मिट्टी डालने की बात कर रहा था। अहसान खां वहीं अपने घर में पिलखन के नीचे चारपाई पर लेटा था। बाबू खां को देखकर उसे गुस्सा आ गया। उसे लगा कि उसकी पत्नी के चक्कर में बाबू खां यहां आया है। अब फिर उसके साथ गद्दारी करेगा।
अहसान खां के मुताबिक वह पिलखन के नीचे से उठकर अपने कमरे में गया और छुरी लेकर बाहर निकला। उसने पीछे से बाबू खां की पीठ में छुरी से बार किया। वह पीछे की ओर पलटा तो अहसान खां ने छुरी से ताबड़तोड़ कई बार किए, जिससे वह जमीन पर गिर गया। बाबू खां के चिल्लाने की आवाज सुनकर राज मिस्त्री ताहिर खां और कई लोग पहुंच गए। वह बाबू खां को मरा जानकर खेतों की तरफ भाग गया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने छुरी भी बरामद कर ली।