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भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल निशान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, का नारा देकर महिला सशक्तीकरण पर खास जोर दिया है। मगर, देश के लोकप्रिय नेता के इस नारे की धज्जियां सबसे पहले भाजपा के ही स्थानीय नेता ही उड़ाने में लगे हैं। फरीदपुर में पति-पत्नी के घरेलू विवाद में पत्नी को जान से मारने की सुपारी लेने वाले छुट भइया नेता टाइप अपराधी को ऊपरी कमाई की खातिर भाजपा संगठन के एक नेता उसे राजनीतिक संरक्षण दे रहे हैं। सत्ता के दबाव में पुलिस भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
अपराधी की बाइक पर रेस लगाते नेताजी का वीडियो वायरल
कुछ दिन पहले जेल से छूटकर आए फरीदपुर निवासी भाजयुमो के इस छुट भइया नेता ने सोशल मीडिया पर वायरल तमाम ऑडियो की बातचीत में थाना पुलिस से मिलकर निपटने वाले मामलों से मिलने वाली रकम में एक नेताजी का हिस्सा होने की बात भी कही है। पहले तो भाजपा संगठन के नेता यह कहकर अपना पीछा छुड़ाते दिखे कि उनका उस छुट भइए नेता से कोई मतलब नहीं है क्योंकि वह युवा मोर्चा का पदाधिकारी है। मगर, जब संगठन के नेताजी का भाजपा कार्यालय के बाहर बाइक की रेस लगाते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया तो भाजपाई भी दांतों तले अंगुली दबा गए। खास बात यह है कि वही बाइक अपराधी टाइप छुट भइया नेता भी एक दूसरे वीडियो में चलाता दिख रहा है, जिस पर सवार होकर संगठन के नेता ने रेस लगाई थी। यह बाइक भाजयुमो के छुट भइया नेता ने जबरदस्ती महिला के पति से छीन ली थी। फिर महिला के पति से ढाई लाख रुपए लेने के बाद वापस की। उसके बाद उसी रकम से बुलेट मोटर साइकिल खरीदी।
जान से मारने की सुपारी लेने वाले पर नेताजी का आशीर्वाद
योगी राज में यूं तो अपराध की जीरो टालरेंस की नीति है। मगर, जब सत्ता का दबाव हो तो तमाम वह चीजें भी देखने को मिलती हैं, जिनको सब कुछ समझते हुए भी कोई भाजपा कार्यकर्ता खुलकर कहना नहीं चाहता। बरेली भाजपा के अंदर लंबे समय से यही सब चल रहा है। फिलहाल, सबसे ज्यादा चर्चा फरीदपुर में भाजपा के पदाधिकारियों से जुड़े मामले की है। कुछ दिन पहले फरीदपुर भाजयुमो मंडल अध्यक्ष की एक व्यक्ति से बातचीत के वायरल ऑडियो में पांच लाख रुपए के लेन-देन और उसमें जिलाध्यक्ष का हिस्सा होने की बात कही गई थी। इसके बाद भाजयुमो मंडल अध्यक्ष की उस शख्स से बातचीत के कुछ अन्य ऑडियो भी वायरल हुए। उनमें भी पति-पत्नी के बीच घरेलू विवाद को फरीदपुर थाने से निपटाने के लिए रुपए के लेन-देन की बातें सामने आईं। बरेली में फन सिटी इलाके में भी भाजयुमो मंडल अध्यक्ष ने महिला के पति से नगद रुपए लिए। ऐसा महिला के पति का कहना है। अपने ज्यादातर ऑडियो में फरीदपुर भाजयुमो मंडल ने बार-बार अध्यक्ष जी का हिस्सा होने की बात कही। पत्नी ने अपने पति और उस भाजयुमो मंडल अध्यक्ष पर बंधक बनाकर अपहरण करने और जान से मारने की सुपारी देने का आरोप लगाया। पीड़ित महिला का कहना था कि जब वह गर्भवती थी तो उसका एक्सीडेंट हो गया था। बाद में उसे पता चला कि वह एक्सीडेंट हुआ नहीं था, बल्कि कराया गया। हादसे में जच्चा-बच्चा की जान बमुशिकल बची। पीड़ित महिला बरेली के निजी अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रही। अब सुपारी लेने वाले अपराधी नुमा छुट भइए नेता को भाजपा संगठन के यही नेता राजनीतिक संरक्षण देकर कानून से बचाए हुए हैं। सत्ता के दबाव की वजह से विवेचना पूरी होने के बाद पुलिस अपराधियों पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
बड़ा पद हाथ में आते ही ऊपरी कमाई के लिए अपनाए ये हथकंडे
भाजपा के सूत्रों के अनुसार पार्टी संगठन के ये नेता लंबे समय से भाजपा में हैं। पहले उनके पास जिला कार्यकारिणी में छोटे या मध्यम पद थे तो ऊपरी कमाई नहीं कर पाए। अगर ऊपरी कमाई हुई थी तो 500 या हजार रुपए मिल गए। ज्यादा नहीं हुई। मगर, जब अध्यक्ष जैसा पद हाथ में आया तो अब जरुरत थी मोटी रकम की। पद हाथ में रहते हुए ऊपरी कमाई के लिए संगठन नेता ने अपने विश्वसनीय चेलों को संगठन में छोटे पद दिलाकर तहसील और कस्बों से लेकर ग्रामीण इलाकों में फैला दिए। कुछ को भाजपा तो कुछ को भाजयुमो में सिफारिश करके छोटे-मोटे पद दिलवाकर बोल दिया-अब प्रशासन या पुलिस से जुड़े ऐसे मामले लाओ, जिनमें मोटी ऊपरी कमाई हो। तुम भी खाओ, हमे भी खिलाओ। बस, फिर क्या था। फरीदपुर में जेल से छूटकर आए एक अपराधी को भाजयुमो में पद मिल गया। वह पुलिस से जुड़े मामले इन नेताजी के पास लाने लगा। नेताजी की भी ठीक-ठाक ऊपरी कमाई होने लगी। अब हाल यह है कि आंवला डिपो से तेल चोरी कराने समेत अन्य गैर कानूनी धंधों में होने वाली ऊपरी कमाई का हिस्सा इन नेताजी तक लगातार पहुंच रहा है। नेताजी, गैर कानूनी धंधों से होने वाली मोटी कमाई से दिन-रात मालामाल हो रहे हैं। नेताजी ने यह सब हथकंडे इसलिए अपना रखे है, जिससे पद पर रहते हुए उनकी लंबे समय तक ऊपरी मोटी कमाई होती रहे। ताकि वह आर्थिक रुप से मजबूत बन सकें।