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प्रदीप यादव को पद मुक्त करने का पत्र
फरीदपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष सोमदत्त ने भी अब पूर्व भाजयुमो मंडल अध्यक्ष और भाजपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ सोशल मीडिया पर सीधा मोर्चा खोल दिया। मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर उन्होंने बिना नाम लिए अप्रत्यक्ष रुप से भाजयुमो मंडल और जिलाध्यक्ष पर निशाना साधा। मंडल अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा आंवला के एक वरिष्ठ नेता मेरे बड़े भाई ने उनको फोन करके पोस्ट डिलीट करवा दी। जिलाध्यक्ष ने दो बार उनको निजी रुप से रगड़ दूंगा। पद से हटा दूंगा, कहकर बेइज्जत किया। ईमानदारी से काम करने यह नतीजा है।
मंडल अध्यक्ष सोमदत्त कुमार ने लिखा कि मैं किसी का नुकसान करने या बंधक बनाने या पैसे के लेन-देन का दोषी नहीं हूं। दोषी वह है, जिसने पैसे लिए। जिसने मोटर साइकिल और अन्य संसाधनों का उपयोग किया। मंडल अध्यक्ष अपनी पोस्ट में कहते हैं कि मैं पूछता हूं कि भाई साहब। आपने अपनी फेसबुक से मोटर साइकिल वाली वीडियो क्यों डिलीट कर दी। वह केटीएम मोटर साइकिल अरविंद यादव फौजी की थी। जिसे आपने और युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने इस्तेमाल किया। मेरे आत्म सम्मान या निजता को चोट न पहुंचाएं। भाजपा का सच्चा और पक्का कार्यकर्ता हूं। यदि उनसे कोई आपत्ति है तो वह इस्तीफा देने को भी तैयार हैं। बस, एक बार कहके तो देखिए।
वीडियो से वह डरे, जिसने दलाली के पैसे मांगे हों
सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो से वह डरे, जिन्होंने दलाली के पैसे मांगे हों और पार्टी की छवि खराब करने में मुख्य भूमिका निभाई हो। माता-बहनों को कमरे में बंद किया हो। आग से खेलोगे तो खुद के हाथ जलेंगे ही। तुम स्वयं में ब्रम्हा हो गए हो या फिर अश्वत्थामा। आगे कुछ कहने की जरुरत नहीं। रावण की लंका का दहन होता ही होता है। भाजपा मंडल अध्यक्ष की सोशल मीडिया पर जारी इस पोस्ट से पार्टी के अंदर भूचाल मच गया। भाजपा पदाधिकारी अपने मंडल अध्यक्ष की यह पोस्ट लगातार शेयर करके प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व तक पहुंचाने में लगे हैं।
भाजयुमो मंडल अध्यक्ष सिर्फ पद मुक्त, निष्कासन नहीं
पति-पत्नी का फरीदपुर थाने से घरेलू विवाद निपटवाने के लिए महिला के पति अरविंद यादव से फोन पर आंवला के भाजपा जिलाध्यक्ष के नाम पर रुपए मांगने वाले भाजयुमो मंडल अध्यक्ष प्रदीप यादव को मोर्चा जिलाध्यक्ष राजू उपाध्याय की ओर से पत्र जारी करवाकर आनन-फानन में पद मुक्त कर दिया गया। हालांकि भाजपा कार्यकर्ता यह सवाल उठा रहे हैं कि जब प्रदीप यादव के रुपए लेन-देन संबंधी ऑडियो भाजपा जिलाध्यक्ष के नाम से जारी हुए। तो उसे तुरंत पद से हटाकर पार्टी से क्यों नहीं निकाला गया। प्रदीप यादव ने महिला को जान से मारने की सुपारी लेने की बात भी एक ऑडियो में कही है। इसके बाद भी प्रदीप यादव पर पार्टी ने देर लगाकर इतनी हल्की कार्रवाई क्यों की। उसका पार्टी से निष्कासन क्यों नहीं किया गया।